ऑनलाइन ठगी से रहें सावधान ये नया तरीका सामने आया है

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BN बांसवाड़ा न्यूज़ – यूपी में ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) का अलग ही केस सामने आया है. ब्लड के लिए रुपयों की मांग करके एक वकील को ठगा गया. स्कैमर का फोन आने पर वकील ने उसके बताए नंबर पर अमाउंट ट्रांसफर कर दी. बाद में पता लगा कि वो ठगी का शिकार हो गया. अब साइबर पुलिस मामले की जांच कर रही है. पता चला है ऐसे ही कई कॉल दूसरे वकीलों को आए हैं, जिनमें ब्लड के लिए पैसों की डिमांड की गई है. पीलीभीत में साइबर ठगों के निशाने पर जिला जेल में बंद कैदियों के केस लड़ रहे वकील और उनके परिजन हैं. वकीलों और परिजनों को ठगों के फोन पहुंच रहे हैं. फोन पर ठग वकीलों से कहते हैं कि उनके क्लाइंट (बंदी) को जेल में चोट लग गई है. ब्लड के लिए पैसों को जरूरत है. या तो वो (वकील) उन्हें पैसे भेज दें या फिर बंदी के परिवार के किसी का फोन नंबर दे दें तो उनसे पैसे मंगा लेंगे. ऐसा ही फोन कॉल वकील अंशुल गौरव सिंह के पास 29 सितंबर को आया. ठग ने उन्हें अपना नाम बंदी रक्षक राजीव सैनी बताया और कहा कि ”आपका क्लाइंट जो जिला जेल में धोखाधड़ी के मामले में बंद है वो फिसलकर गिर गया है. गंभीर चोट आने के कारण काफी खून बह गया है. इलाज का इंतजाम तो हो गया लेकिन उसे खून चढ़ाना है. ब्लड के लिए 3420 रुपये की जरुरत है.” अंशुल ठग की बातों में आ गया और उसके बताए मोबाइल नंबर पर 3420 रुपये की अमाउंट ट्रांसफर की दी. बाद में वकील ने बंदी के परिवार को उसके बारे में जानकारी दी और उसकी हालत जानने के लिए जिला जेल में फोन मिलाया. वहां से पता चला कि बंदी तो एकदम ठीक है उसे कुछ नहीं हुया है.उसने उस नंबर पर फोन लगाया जिससे कॉल आया था तो वो बंद आया, जिस नंबर पर पैसे ट्रांसफर किए थे वो भी नंबर बंद था. वकील अंशुल को समझते देर नहीं लगी कि उसके साथ ठगी हो गई है. जब ये बात फैली तो पता चला कि दूसरे वकीलों को भी इसी तरह के फोन आए और ब्लड के लिए पैसों की मांग की गई. अंशुल ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत साइबर सेल में दर्ज कराई है. पीलीभीत एसपी दिनेश पी का कहना है कि बंदियों के नाम पर ठगी की शिकायत मिली है. जिला जेल से बंदियों का डेटा लीक हो रहा है. हम मामले की जांच कर रहे हैं. पता लगा रहे हैं कौन डेटा लीक कर रहा है.

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