सियासत में फँस गई वीरांगनाओ की मांग , कुछ शहीदों की पत्नियों ने कहा देवर को नौकरी देना गलत , तो कुछ ने कहा सही ,पायलेट ने कहा राजनैतिक नहीं ,संशोधन होना चाहिए

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कल रात वीरांगनाओ के साथ समर्थन पर बैठे किरोड़ीलाल मीणा की तबियत हुई थी खराब, समर्थकों की भीड़ भी अस्पताल में जमा हो गई थी ,मगर पुलिस ने उन्हें समझा कर वहां हटा दिया ,लेकिन अब हो सकता है ईलाज के लिए दिल्ली ले जा सकते है, मीणा के भाई जगमोहन बोले- खतरे में जान ,
रात में उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था , इनका हाल चाल व् स्वास्थ्य जानने धर्मेंद्र राठौड़ भी पहुंचे थे अस्पताल , अब ये मामला तूल पकड़ता जा रहा है , क्यों कि कुछ शहीदों की बेवा पत्नियों ने मुख्य मंत्री अशोक गेहलोत से भी मुलाकात की और कहा कि ,

वीरांगनाओ की पत्नियों की ये मांग सही नहीं है कि ,देवरों को यानि कि शहीद फौजियों के भाइयो को नौकरी मिले ये गलत है ,नौकरी का हक़ तो,शहीद की पत्नी या बेटे का ही बनता है , हमारे बेटे कहा जाएंगे , एक शहीद की पत्नी ने तो देवर को नौकरी देना वाहियात है ऐसा भी कहा , मतलब अब शहीदों की वीरागनाओं का भी दो हिस्सों में बटना दिखाई दे रहा है , अलग अलग विचारधाराओं में बयान भी आ रहें है ,

तो वही सचिन पायलेट ने भी कहा कि , एक दो नौकरियां देना कोई बड़ी बात नहीं है , संशोधन की जरुरत है , संशोधन होते आए , इस मुद्दे पर राजनैतिक करना उचित नहीं है , तो वही कांग्रेस नेता राजेंद्र आर्य ने भी कहा कि , मिडिया ने शुरू से ही इस मसले को तोड़ मोड़ कर पेश कर दिखाया , देखते अब आने वाले दिनों में ये मामला शांत होता है या तूल पकड़ता है ,क्यों कि आने वाला समय चुनावी दौर का समय है,

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