BN बांसवाड़ा न्यूज़ सईद मिर्ज़ा हिंदुस्तानी – जिला कलेक्ट्रेट स्थिति शांति और अहिंसा प्रकोष्ठ कार्यालय मे महान स्वतंत्रता सेनानी कस्तूरबा गांधी की 153 वी और महामना ज्योति राव फुले की 196 वी जयंती मनाई गई। गांधी लेखक और कथाकार भारत दोसी ने कहा कि कस्तूरबा गांधी देश की आजादी के लिए 3 बार जेल गई वही अफ्रीका मे जब धार्मिक विवाह को अमान्य कर दिया तब भी जेल गई थी वे पहली महिला सत्याग्रही थी। देश मे भी 1931 मे हुए सविनय प्रतिरोध मे, 1939 मे राजकोट के ठाकुर द्वारा किए अत्याचार के विरोध मे और 1942 मे अंग्रेजों भारत छोड़ों आन्दोलन मे जेल गई थी। ओबीसी अधिकार मंच राजस्थान के संयोजक डॉ नरेश पटेल ने कहा कि ज्योति राव फुले ने समाज मे चल रहे जाति भेदभाव को पहचाना और उसके खिलाफ चेतना जागृत की साथ ही स्त्री शिक्षा के लिए अनेक स्कूल खोले वे छुआछूत के प्रबल विरोधी थे। भारतीय किसान सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद मंसूरी ने कहा कि ज्योति बां फुले ने समानता स्थापित करने के लिए काम किया फातिमा शेख ने उनकी भरपूर मदद की जिससे देश मे महिला शिक्षा का विस्तार हुआ। उपप्रधानाचार्य हेमंत पंड्या ने कहा कि दोनों महा विभूतियां देश के लिए समर्पित रही। लक्ष्मीकांत भावसार ने कहा कि इन जैसे महात्माओं के बलिदान के कारण ही भारत देश, इसकी संस्कृति बची है। अध्यक्षता करते हुए पार्षद भरत यादव ने कहा कि दोनों महान हस्तियों को याद करके हम अपने आपको मजबूत कर रहे है। इस अवसर पर मुकेश बौद्ध ने भी विचार रखे ।कार्यक्रम के प्रारम्भ मे दोनों विभूतियां की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया।