अतीक और अशरफ,जब कैमरे में सही-सलामत दिख रहे है तो फिर रात में क्यों ले गए अस्पताल,गुड्डू मुस्लिम का नाम अतीक एहमद की ज़ुबान आया आखरी शब्द ?

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BN-बांसवाड़ा न्यूज़ – यूपी प्रयागराज में बाहुबली गेंगस्टर अतीक अहमद और अशरफ अहमद की शनिवार की रात में सरेआम up पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में 3 हत्यारों ने गोली मारकर हत्या कर दी, रात्रि 10 बजे के बाद अतीक अहमद और अशरफ अहमद को उस वक्त गोली मारी गई जब वो दोनों मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया गए थे। हत्यारे नकली मीडियाकर्मी बनकर आए, तीनों हमलावरों ने दनादन गोलियां बरसाईं। और जय सियाराम के नारे भी लगाए ,जिसमे एक पुलिसकर्मी और एक पत्रकार भी इस हमले में घायल हुवे है, हत्या वाले दिन माफिया अतीक एहमद और अशरफ एहमद वीडियो कैमरे में सही-सलामत दिखाई दे रहे थे। जब कि पुलिस ने तर्क दिया कि तबीयत बिगड़ने पर दोनों भाइयों को अस्पताल ले गए थे। धूमनगंज पुलिस अपने ही दावे को लेकर सवालों में घिर गई है। ये सवाल देश के कई समाचार पत्रों ने भी उठाए है,दैनिक जागरण ने भी लिखा है,प्रयागराज में माफिया दोनों भाइयों की हत्या के मामले में धूमनगंज पुलिस के एक दावे को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल अस्पताल ले जाए जाते वक्त कैमरे के सामने अतीक एहमद व अशरफ एहमद सही सलामत नजर आते हैं। हालांकि धूमनगंज पुलिस का दावा है कि तबीयत ठीक नहीं होने की शिकायत पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया था।मामले में धूमनगंज इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्य की ओर से तहरीर दी गई है। इसमें लिखा है कि 15 अप्रैल की शाम अतीक व अशरफ ने बेचैनी होने की बात बताई। इस पर उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए रात 10.19 मिनट पर पुलिस टीम दोनों को लेकर कॉल्विन अस्पताल के लिए निकली। खास बात यह है कि घटना से कुछ देर पहले कॉल्विन अस्पताल के गेट पर पहुंचने के दौरान दोनों न सिर्फ सही सलामत नजर आए थे बल्कि मीडिया से बातें भी की थीं। चर्चा इस बात की भी है कि पुलिस खुद के बचाव के लिए यह तर्क दे रही है।रिमांड अवधि पूरी होने पर है मेडिकल का आदेश था,दर अरसल कोर्ट ने अतीक व अशरफ को कस्टडी रिमांड पर देने के लिए जो शर्तें तय की हैं, उनमें कहीं भी रोजाना मेडिकल कराए जाने का जिक्र नहीं है। इसमें आदेशित किया गया है अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा से पुलिस अभिरक्षा में लेने से पहले उनका मेडिकल परीक्षण कराया जाए। इसके बाद पुन: पुलिस अभिरक्षा से न्यायिक अभिरक्षा में दिए जाते समय उनका चिकित्सीय परीक्षण व कोरोना की जांच कराई जाएगी। कही ना कही इतनी बड़ी चूक कैसे संभव है,हालाँकि कि मुख्य मंत्री योगी जाँच के आदेश दिए है ,कई पुलिसकर्मियों को संस्पेंड भी कर दिए है, खासबात ये भी रही कि हत्या को अंजाम अंजाम देने वाले हत्त्यारे मीडियाकर्मी बनकर आए थे। उन्होंने वीडियो कैमरा और माइक आईडी भी थाम रखी थी। दो शूटर जहां वीडियो कैमरा और माइक आईडी लिए हुए था। वहीं उनका तीसरा साथी एक बैग थामे हुआ था। जैसे ही अतीक एहमद व अशरफ एहमद अस्पताल के भीतर घुसे, तीनों ने अपने हाथ में थामे हुए वीडियो कैमरा, माइक आईडी और बैग जमीन पर फेंक दिए और विदेश पिस्टल निकालकर गोलियां बरसाने लगे।मगर 10 लाख रुपये की इतनी महंगी ये विदेशी पिस्टल इन हत्त्यारो के पास आई कहा से ,ये अवैध महंगे हथियार जो अक्सर पाकिस्तान से आते है ,कही इन तीनो युवाओं के सम्बन्ध भी तो किसी अंतराष्ट्रीय गेंग से तो नहीं है,ये भी जांच का विषय है,गैंगस्टर अतीक एहमद एवं अशरफ एहमद को 13 गोलियां मारी गई उस वक्त जब गुड्डू मुस्लिम का नाम अतीक एहमद की ज़ुबान आया , आखरी शब्द गुड्डू मुस्लिम ???????? अब इन चुनौतियों का जवाब उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी देंगे,

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