BN बांसवाड़ा न्यूज़ – बांसवाड़ा को महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया जिसमें समाचार पत्रों एवं विभिन्न स्त्रोतों से ज्ञात हुआ कि गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय बांसवाड़ा में टीचिंग और नॉन टीचिंग के 69 पदों पर संविदा आधार पर भर्ती की जा रही है वह संवैधानिक प्रक्रिया की विरुद्ध है जिसमें जनजाति क्षेत्र के लोगों के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान लागू नहीं है उसे लागू किया जाए तथा विश्वविद्यालय में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक सभी पदों पर नियमित भर्ती की जाए एवं अनुसूचित क्षेत्र में लागू आरक्षण के प्रावधानों की पालना की जाए विश्वविद्यालय स्थापना से लेकर आज तक एक भी पद पर नियमित भर्ती प्रक्रिया नहीं होने की वजह वागड़ क्षेत्र में उच्च शिक्षा का वातावरण चिंताजनक है विश्वविद्यालय में वर्तमान एजेंसी के माध्यम से कार्यरत 90% कार्मिक एक ही समुदाय विशेष के प्रतिनिधित्व कर रहे हैं यह भर्ती बैकडोर भर्ती का षड्यंत्र है उक्त विश्वविद्यालय की स्थापना जनजाति समुदाय के उत्थान को ध्यान में रखते हुए खोला गया था जो कि अपने मूल उद्देश्यों से भटक रहा है विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा में ध्यान ना दे कर मात्र प्रतियोगिता परीक्षाओं पर ही ध्यान केंद्रित है साथ विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा नियंत्रक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कॉलेज शिक्षा सेवा से प्रतिनियुक्ति सहायक आचार्य को लंबे समय तक बनाए रखना संदेह के घेरे में आता है विश्वविद्यालय में वेद विद्या पीठ पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है तथा शिक्षा संकाय मैं वेद विद्यापीठ के कोर्सेज अनिवार्य करके थोपे जा रहे हैं जिसका समय-समय पर छात्र संगठनों एवं सामाजिक संगठनों द्वारा विरोध किया गया इसके बावजूद विश्वविद्यालय द्वारा जनजाति क्षेत्र के विद्यार्थीयों के साथ धोखा कर रहा है आधुनिक समय में तकनीकी एवं रोजगारमुखी शिक्षा की ओर तेजी से बढ़ना चाहता है लेकिन कर्मकांड जैसे पाठ्यक्रम थोप कर यहां के विद्यार्थियों को पंगु बना कर भ्रमित किया जा रहा है अर्थात इस प्रकार की भर्ती की जा रही है उसे विश्वविद्यालय तुरंत प्रभाव से रोके और संशोधित करवा कर जनजाति क्षेत्र के लिए आरक्षण के प्रावधान को लागू किया जाए ज्ञापन देते समय उपस्थित कुशलगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष दीपक कटारा, महासचिव राजेंद्र डोडियार, अर्जुन, राम केश्वर, अजीत, दिनेश, देवीलाल, आदि कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।