हिंदू लड़की ने मुस्लिम से शादी की, वलीमा का कार्ड देखने के बाद मां-बाप ने मृत्युभोज करा दिया।

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1686580350328 jabalpur hindu girl muslim boy marriage love jihad family condolence letter
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BN बांसवाड़ा न्यूज़ – दावत-ए-वलीमा के कार्ड में लड़की का असली नाम ब्रैकेट में था और उसकी जगह एक नया नाम लिखा गया था.मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक लड़की के घर वालों ने जिंदा रहते उसका पिंडदान कर दिया. (Jabalpur girl last rites after marriage) उसके नाम पर मृत्यु-भोज भी करवाया. लड़की के माता-पिता का कहना है कि लड़की ने मुस्लिम लड़के से शादी करके उनके साथ धोखा किया है. लड़का-लड़की ने कानूनी तौर पर शादी की. बाद में लड़के के घर वालों ने मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार निकाह और फिर वलीमा की दावत दी. वलीमा के इनविटेशन कार्ड में लड़की का नाम बदलकर उजमा फातिमा रखा गया है. कार्ड की तस्वीर वायरल होने के बाद लड़की के परिवार और हिंदू संगठनों ने धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए पुलिस को शिकायत दी थी. हालांकि पुलिस और प्रशासन का कहना है कि दोनों परिवारों की जानकारी में ही शादी हुई है. क्या है पूरा मामला? बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर तीन कागज घूम रहे हैं. पहला है- जबलपुर के मैरिज ऑफिसर की तरफ से जारी किया गया एक मैरिज सर्टिफिकेट. दूसरा कागज है- दावते-वलीमा का इनविटेशन कार्ड. और तीसरा है- एक शोक संदेश. जिसमें मृत्युभोज और पिंडदान की बात लिखी है.ये तीनों कागज इंडिया टुडे को भी मिले हैं. क्रोनोलॉजी के हिसाब से सारा मामला समझिए. जबलपुर के विवाह अधिकारी विमलेश सिंह की तरफ से जारी मैरिज सर्टिफिकेट के मुताबिक, 4 जनवरी, 2023 को 22 साल की अनामिका दुबे की शादी, स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत मोहम्मद अयाज से हुई. अयाज की उम्र 25 साल है. अनामिका जबलपुर में कुदवारी कॉलोनी के रहने वाले चंद्रिका प्रसाद दुबे की बेटी हैं. जबकि अयाज के पिता का नाम अब्दुल अब्बास है. वो ग्वालियर के मक्कानगर इलाके के रहने वाले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनामिका ने बीकॉम किया है. जबकि अयाज ने हाईस्कूल के बाद इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में ITI का डिप्लोमा लिया है. दावते-वलीमा मुस्लिम समुदाय में निकाह के बाद लड़के के घरवालों की तरफ से किया जाने वाला भोज आयोजन होता है. रिसेप्शन भी कह सकते हैं. दूल्हे वालों की तरफ बनवाए गए इनविटेशन कार्ड पर तारीख है- 7 जून, 2023. लेकिन ध्यान खींचा है दुल्हन के नाम ने. कार्ड पर दुल्हन का नाम उजमा फातिमा लिखा गया है, जबकि असली नाम को (ब्रैकेट) में मेंशन किया गया है. इसके बाद लड़की के घर वालों ने शादी पर आपत्ति जताई. आजतक से जुड़े धीरज शाह की खबर के मुताबिक कार्ड वायरल हुआ तो अनामिका के परिजनों ने उसके नाम का शोक-संदेश जारी किया. इसमें अनामिका के नाम के आगे ‘कुपुत्री’ लिखा गया है. और उसके स्वर्गवास की तारीख 2 अप्रैल, 2023 बताई गई है.शोक संदेश में लिखी तारीख़ के मुताबिक ही बीती 11 जून को अनामिका के माता-पिता और भाई ने उसके नाम का मृत्युभोज और पिंडदान कर दिया. पिंडदान के पीछे क्या वजह बताई? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनामिका के परिवार और कुछ हिंदू संगठनों के लोगों ने अनामिका की शादी को कथित लव-जिहाद से जोड़ते हुए जबलपुर के SP कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था. पुलिस विभाग के एक अधिकारी अखिलेश गौर के मुताबिक, परिवार और हिंदू संगठनों के लोगों ने आरोप लगाया था कि गलत मंशा और गलत तथ्यों के साथ ये शादी करवाई गई है और हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन भी करवाया गया है. ये भी कहा गया कि सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है. अधिकारी ने बताया कि शिकायत के बाद मामले की जांच की गई थी. अनामिका को भी SP ऑफिस बुलाया गया था. उसने कहा कि शादी घर वालों की मर्जी से हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक अखिलेश गौर ने बताया“पुलिस ने जांच में पाया कि लड़का और लड़की दोनों लगभग 8 सालों से साथ में पढ़ रहे थे. दोनों के बीच प्रेम-संबंध थे. नवंबर 2022 में दोनों ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी करने का आवेदन दिया था. दोनों की शादी 4 जनवरी को हुई. इस दौरान दोनों परिवार राजी थे. अनामिका के घर वालों का कहना था कि दूसरी बेटी (अनामिका की बहन) की शादी हो जाने के बाद अनामिका को ससुराल भेज देंगे. फरवरी में अनामिका की दूसरी बहन की शादी हो गई. जिसके बाद अप्रैल में अनामिका भी अपनी ससुराल चली गई. पुलिस की तरफ से ये भी बताया गया कि अनामिका के घर वालों ने उसे शादी के लिए कई तोहफे भी दिए थे.”लेकिन अनामिका की मां इस बात से इनकार करती हैं कि उनके परिवार की मर्जी से उनकी बेटी की शादी हुई. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “हमने अपनी बेटी का पिंडदान किया है क्योंकि उसने अपने पापा, अपने परिवार की इज्जत नहीं देखी. अभी हमने अपनी मझली बेटी की शादी की थी. एकाध साल बाद उसकी शादी करते. हमें उसके कदम के बारे में तब पता चला जब वो चली गई. पुलिस झूठ बोल रही है. हमें कोई जानकारी नहीं है. जब वो गई है. उसके बाद जब कार्ड वायरल हुआ तब पता चला.”वहीं अनामिका के मामा नरेंद्र तिवारी का कहना है,“हमने हमारी भांजी अनामिका को बचपन से अच्छे से पाला. अंत में वो हमें ऐसा धोखा देकर गई है, हमें विश्वास नहीं था कि वो ऐसा भी कर सकती है. कार्ड (वलीमा की दावत) वायरल होने के बाद उसको जैसे-तैसे SP साहब के आदेश पर थाने बुलवाया गया. वहां सबने उसे समझाया. पापा ने भी कहा कि ऐसा न करो, मम्मी की तबियत खराब हो सकती है. लेकिन वो बोली पापा आजकल के जमाने में ऐसा कुछ नहीं होता.” नरेंद्र तिवारी ने आगे कहा कि अनामिका के ये कहने के बाद परिवार ने समाज से उसका बहिष्कार करने का फैसला लेते हुए उसकी तेरहवीं का कार्यक्रम और पिंडदान किया है. कुछ दिन पहले राजस्थान के भीलवाड़ा में भी इसी तरह का मामला सामने आया था. यहां के रतनपुरा गांव की एक लड़की ने अपनी मर्जी से एक लड़के से शादी कर ली थी. उसके बाद लड़की के माता-पिता ने बेटी के जिंदा रहते उसके नाम का मृत्यभोज करवा दिया था. हालांकि इस प्रकरण में लड़का-लड़की दोनों हिंदू थे. पढ़ें: मर्जी से शादी करने पर जिंदा बेटी का मृत्यु भोज, मां-बाप ने ऐसा करने की क्या वजह बताई।

”हिंदू लड़की ने मुस्लिम से शादी की”

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