BN बांसवाड़ा न्यूज़ – रैली के कलेक्ट्रेट पहुंचने पर श्रद्धालुओं की ओर से प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नाम ज्ञापन दिया। जिसमें पूरे मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच करवाते हुए मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलवा कर आरोपियों को सख्त साथ ही ज्ञापन में देश के सभी संत संरक्षण बोर्ड गठित करने से सख्त सजा देने की मांग की। राज्यों में संतों को संरक्षण देने की मांग की।कर्नाटक में जैन मुनि की निर्मम हत्या का देश के हर कौने में विरोध हो रहा है। जहां जैन समाज ही नहीं बल्कि हर वर्ग और समुदाय के लोग इस हत्या के विरोध में हैं। सभी की एक ही बड़ी मांग है कि हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। हत्या के विरोध जगह हो रहे विरोध प्रदर्शन और बंद में मंगलवार को हर बांसवाड़ा जिले में भी इसका खासा विरोध और आक्रोश देखने को मिला। जिसमें सर्वसमाज ने भी समर्थन किया और विरोध प्रदर्शन किया।जैन समाज की ओर से मंगलवार को रैली और विरोध प्रदर्शन के बाद गांधी मूर्ति चौराहे पर धर्मसभा का भी आयोजन हुआ।

जिसमें जैन संतों ने अपना संबोधन दिया। दोपहर 12 बजे तक शहर के कई प्रतिष्ठान बंद रखे गए। समाजजनों ने यह भी नारे लगाए कि साधु संतों पर अत्याचार नहीं सहेगा हिंदुस्तान, धर्म गुरुओं की रक्षा भारतीय संस्कृति की सुरक्षा। श्रद्धालु हाथों पर काली पट्टियां बांध कर भी विरोध जताया। गांधी मूर्ति चौराहे पर विनयांजलि सभा में मुनि शुभम सागर महाराज और मुनि सक्षम सागर महाराज ने कहा कि ये जघन्य कृत्य है। हत्या ही नहीं बल्कि उनके शरीर के छोटे-छोटे टुकड़े कर बोरवेल में डाल दिए गए।आचार्य की हत्या के मामले का जल्द खुलासा कर दोषियों को कानूनन सजा दी जाए। रैली में सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी, उप जिला प्रमुख डॉ. विकास बामनिया, प्रदीप कोठारी, महीपाल ज्ञायक, कमल शर्मा, तेजपाल जैन, रितेश मालवीया, मांगीलाल जैन, हकरू मईड़ा, मुकेश रावत, रमेश तेली, अशोक मदहोश, आशीष मेहता, संजय जैन, शैलेंद्र वोरा, महेंद्र जैन, हर्ष बोहरा, शैलेंद्र दोसी, हरेष लखानी, राजेश भावसार, प्रफुल्ल जैन आदि मौजूद रहे।हमें ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए : आर्यिका मंच पर आर्यिका ने कहा कि हम सब भगवान महावीर की संतान है। अगर कर्नाटक जैसी घटना जैन संत के साथ हो तो हमें शांत नहीं बैठना चाहिए, ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए। ऐसी घटना सहन करने का भगवान महावीर ने नहीं कहा। एक साधु, एक आचार्य की हत्या करना यानि भगवान महावीर की हत्या करना है।आज यह घटना हुई तो हुई क्यों। यह घटना ही नहीं, सबसे बड़ी घटना है और भारत देश पर कलंक है। चाहे पार्षद हो या सभापति, प्रधानमा राष्ट्रपति उन्हें रहे। इसमें आगे पीछे वोट के लिए सोचने की जरूरत नहीं, न्याय के लिए आगे आना सत्ता चली जाए तो चली जाए, संकल्प लेना चाहिए कि इस प्रकार की घटनाएं मेरे जीते जी भारत देश में नहीं होने दुर्भाग्य है कि हम सब के कानों में यह घटना सुनने को आई और हम सब बैठे अहिंसा के प्रति जागरूक रहना होगा।जैन संत की हत्या के विरोध में धर्मसभा में आक्राशी शुभमसागर महाराज भारत की पहचान अजंता अलोरा, ने कहा कि कुतुबमीनार लालकिला नहीं,

