BN बांसवाड़ा न्यूज़ -पीलीभीत। लगभग दो साल से सरकार की नीतियों के बारे में आलोचना करने में लगातार मुखर रहे सांसद वरुण गांधी का मिजाज अब बदला-बदला नजर आ रहा है। दो दिन पहले जनपद के भ्रमण कार्यक्रम में उन्होंने सरकारी नीतियों पर कोई बात नहीं की बल्कि जिले के लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ने पर ही सारा फोकस रखा।
सांसद के बदले तेवरों को लेकर यहां तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं राजनीतिक गलियारे में भी इस मामले को लेकर अनुमान लगाए जा रहे हैं। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय संगठन में अभी तक किसी तरह की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
सांसद वरुण गांधी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत तराई के जिला पीलीभीत से ही की है। हालांकि पीलीभीत संसदीय क्षेत्र सांसद वरुण गांधी की मां पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की परपंरागत कार्यस्थली रहा है। वह यहां से कई बार सांसद निर्वाचित हुई हैं। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में वरुण गांधी ने पीलीभीत संसदीय सीट से रिकार्ड मतों के अंतर से जीत हासिल की थी।
साल 2014 के चुनाव में सांसद वरुण गांधी सुल्तानपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़कर लोकसभा में पहुंचे थे। वहीं वर्ष 2019 के चुनाव में सांसद वरुण गांधी ने पीलीभीत संसदीय सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। सांसद वरुण गांधी करीब दो वर्ष से सरकार की नीतियों को लेकर मुखर रहे हैं। सांसद वरुण गांधी एक्स (ट्विटर) के जरिये लगातार सरकार को असहज करने वाले सवाल उठाते रहे हैं।
वरुण गांधी खुलकर अपनी राय करते रहे जाहिर
चाहे लखीमपुर हिंसा प्रकरण हो या फिर किसान आंदोलन। सांसद वरुण गांधी खुलकर अपनी राय जाहिर करते रहे हैं। बेरोजगारी, निजीकरण, आर्थिक नीतियां, भ्रष्टाचार, प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक होने आदि मुद्दों पर सांसद वरुण गांधी समय समय पर सरकारी नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। इतना ही नहीं वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी सांसद वरुण गांधी ने दूरी बनाकर रखी थी।
सासंद ने भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में किसी तरह का प्रचार नहीं किया था। जनपद भ्रमण के दौरान जनसंवाद कार्यक्रमों में भी भाजपा के झंडे आदि तथा स्थानीय भाजपा पदाधिकारी दिखाई नहीं देते हैं। यह भी सच है कि सांसद वरुण गांधी संसदीय क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहते हैं। जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान दिए जाने वाले संवोधन में सांसद वरुण गांधी अक्सर सरकारी नीतियों पर निशाना साधते रहे हैं। लेकिन विगत 21 फरवरी को सांसद वरुण गांधी ने पूरनपुर विधानसभा क्षेत्र के गांवों में जनसंवाद कार्यक्रमों को संबोधित किया था।
बाद में देर शाम शहर के मुहल्ला देशनगर में भी पहुंचे थे। इस बार उनका तेवर एकदम बदला हुआ था। सांसद ने पूरे संबोधन में सरकारी नीतियों का जिक्र तक नहीं किया, बल्कि पीलीभीत जिले के लोगों से भावनात्मक लगाव पर ही फोकस रखा। सांसद वरुण गांधी के तेवरों में अचानक आए बदलाव ने तराई के राजनीतिक गलियारे में तमाम तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं।
अभी तक यहां लोकसभा चुनाव को लेकर यही चर्चा हो रही थी कि भाजपा फिर से वरुण गांधी को टिकट देगी या नहीं? लेकिन सांसद वरुण गांधी के बदले तेवरों से अब यह चर्चा होने लगी है कि भाजपा के भीतर कहीं न कहीं सासंद वरुण गांधी के टिकट को लेकर कुछ न कुछ चल रहा है। यहीं वजह है कि सांसद वरुण गांधी का रवैया नरम हो गया है। फिलहाल राजनीतिक विश्लेषक अपना अपना अनुमान लगा रहे हैं।