जिला परिषद् और पंचायत समिति सदस्यों को वित्त अधिकार मिले

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राजीव गाँधी पंचायत राज सन्गठन के प्रदेश मिडिया प्रभारी मिलन चाहिल ने शनिवार को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा की राजस्थान सरकार ने नियम विरुद्ध जाकर पंचायत राज के चुनावो को टाल दिया है वन स्टेट वन इलेक्शन के नाम पंचायत राज के चुनाव को टालना संविधान के आर्टिकल 243 अ का उल्लघन है इसके अनुसार किसी भी परिस्थिति में पंचायत राज के चुनाव को टाला नहीं जा सकता. मिलन चाहिल ने कहा की परिसीमन करना ही था तो पंचायत के चुनाव के पहले कर देना चाहिए था. उन्होंने कहा की आखिरी परिसीमन 2019 में हुआ था अब क्या जरुरत हुई की परिसीमन किया जा रहा है. मिलन चाहिल ने तर्क देकर कहा की जब राज्य में आर्थिक बोझ बताकर 9 जिले और 3 सम्भागो को निरस्त कर दिया गया है तो क्या परिसिमन के बाद पंचायते और पंचायत समितियों की संख्या बढ़ेगी तो आर्थिक बोझ नहीं बढेगा क्या ? उन्होंने प्रश्न किया की जब जनगणना 2021 हुई नहीं है तो किस आधार पर पंचायतों का परिसीमन क्या जायगा? यह बिना किसी आधार के किया जा रहा है. चाहिल ने आरोप लगाया की बीजेपी पंचायत को कमजोर करना चाहती है पहले भी बीजेपी ने आठवी पास का नियम लगाया था हरियाणा में बीजेपी ने फिर ऐसे नियम लगा दिए थे मध्य प्रदेश में सरपंचो के वित्तीय अधिकार छीन लिए है.उन्होंने कहा की हमारा संगठन संविधान के 73 और 74 संशोधन लागु करवाने के लिए संघर्ष कर रहे है इसके तहत पंचा यतों की आमदनी बढ़ेगी वही साथ ही हम चाहते है पंच, सरपंचों को उचित और सम्मानित मानदेय दिया जाये. साथ ही जिलापरिषद् और पंचायत समिति के सदस्यों को वित्तीय अधिकार दिए जाये वे सिर्फ जिला प्रमुख और प्रधान बनाने तक सिमित नहीं रहे. इन मांगों को लेकर अप्रैल में आन्दोलन किया जायेगा. इस अवसर पर महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव लता निनामा और जिला सोशल मिडिया प्रभारी भारत दोसी उपस्थित रहे.

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