हरियाणा में पुलिस महानिरीक्षक वाई. पूरन कुमार ने मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर खुद को गोली मार ली। इस घटना में उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
चंडीगढ़: आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ में आत्महत्या कर ली। यह घटना उनके गनमैन की शराब कारोबारी से वसूली के आरोप में गिरफ्तारी के एक दिन बाद हुई। गनमैन ने पूछताछ में आईपीएस अधिकारी का नाम लिया था। जिस रिवॉल्वर से आईपीएस ने खुद को गोली मारी, वह भी गनमैन की ही थी। पूरन कुमार अपने अधिकारों के लिए अनुसूचित जाति आयोग तक लड़ाई लड़ने के लिए जाने जाते थे और उन्हें सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया था। उनकी पत्नी पी अमनीत कुमार भी हरियाणा कैडर की 2001 बैच की आइएएस अधिकारी हैं।
कई मुद्दों को भी उठाया था – एक अधिकारी-एक आवास’ की नीति लागू कराने जैसे मुद्दों को भी उठाया थाआईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने ?
Y पूरन कुमार का हरियाणा की उच्च स्तरीय अफसरशाही से कई बार विवाद हुआ । उन्होंने जूनियर अधिकारियों को पदोन्नति, मनपसंद सरकारी वाहन न मिलने और ‘एक अधिकारी-एक आवास’ की नीति लागू कराने जैसे मुद्दों को उठाया था। इन मुद्दों पर उनकी कई शीर्ष आइएएस-आइपीएस अधिकारियों से तनातनी हुई, जिसके कारण वे काफी चर्चा में रहे। पिछले हफ्ते ही वाई पूरन कुमार को पीटीसी (पुलिस प्रशिक्षण केंद्र) सुनारिया का आईजी बनाया गया था। इससे पहले, रोहतक मंडल के आईजी रहते हुए उन्होंने भिवानी की मनीषा की संदिग्ध मौत की जांच में महत्वपूर्ण सुराग जोड़कर जांच को एक नई दिशा दी थी।