बांसवाड़ा न्यूज़ मिर्ज़ा – भील समग्र विकास परिषद कुशलगढ़ में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत में सभी अभ्यर्थियों को भील समाज सुधार कुशलगढ़ की ओर से मद्यपान, दारू ,डीजे ,पर पूर्णतः रोक और भील समाज सुधार की तरफ से जो भी निर्णय लिए जा रहे हैं उन सभी निर्णयों का समस्त विद्यार्थियों को पालन करने के निर्देश दिए गए और उनको प्रतिज्ञा करवाई गई। बिरसा मुंडा को आदर्श मानते हुए उनके मार्ग पर चलने के निर्देश दिए ।स्वागत भाषण में भील समग्र विकास परिषद के अध्यक्ष रूपजी बरिया ने भगवान बिरसा मुंडा का जीवन परिचय देते हुए बताया कि उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को उलिहातू गाँव, झारखंड में हुआ था। वे एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाज सुधारक और आदिवासी लोक नायक थे, जिन्हें ‘धरती आबा’ (पृथ्वी के पिता) भी कहा जाता है। उन्होंने 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध मुंडा विद्रोह का नेतृत्व किया और आदिवासी भूमि अधिकारों और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी। गिरफ्तारी और मृत्यु : 24 दिसंबर 1899 को ब्रिटिश पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में उनके कई साथी मारे गए।
*उन्हें धन के लालच में दो लोगों ने गिरफ्तार करवा दिया।
9 जून 1900 को जेल में उनकी मृत्यु हो गई, संभवतः उन्हें ज़हर दिया गया था। कार्यक्रम में समग्र विकास परिषद कुशलगढ़ निः शुल्क कोचिंग की पूरी टीम भूरालाल मईडा ,अश्विन डामोर, भानु प्रताप डामोर, राकेश डामोर, महेंद्र डामोर,मुकेश पटेल, राकेश पारगी, देवीलाल देवदा, निः शुल्क कोचिंग में पढ़ने वाले समस्त विद्यार्थी उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन राकेश देवदा ने किया अंत में आभार राकेश पारगी ने किया।*














