72 लाख का लालच बीमा राशि के लिए समीरन ने स्वयं रचि थी साजिश।

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कांकेर। 13 दिन की लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार चारामा की बर्निंग कार के रहस्य का खुलासा हो ही गया। लापता चल रहे समीरण ने बीमा राशि नही मिलने पर पुलिस को फोन कर आत्मसमर्पण किया है। हासिल जानकारी के मुताबिक लापता युवक समीरन सिकदार पर 35 लाख कर्ज था। इससे बचने के लिए उसने खुद की हत्या की साजिश रची। साथ ही वह इस फिराक में था कि उसे 72 लाख का बीमा भी मिल जाए। इसके चलते कार को आग लगाकर यह दिखाने का प्रयास किया कि उसकी हत्या हो गई है। इस तरह उसे बीमा की राशि भी मिल जाएगी। इस मंशा को साधने के लिए वह 13 दिनों तक पुलिस के साथ आंख मिचौली का खेल खेलता रहा ।पुलिस से पूछताछ में समीरन ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। बता दें कि इस पहेली को बूझने क लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान पुलिस ने 1000 सीसी टीवी फुटेज को खंगाला। इतना ही नहीं पुलिस ने 45 हजार मोबाइल नम्बर की भी तस्दीक की। अंतत: लापता युवक ने बीमा राशि नही मिलने पर स्वत: ही पुलिस को फोन कर आत्मसमर्पण कर दिया है।

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