BN बांसवाड़ा न्यूज़ – वीरोदय तीर्थ क्षेत्र पर जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ जन्म कल्याणक महोत्सव की शुरुआत प्रथम अभिषेक ओर शांतिधारा से हुआ| शांतिधारा के प्रथम कलश का सोभाग्य आदेश्वर लक्ष्मीलाल शाह परिवार बाहुबली कॉलोनी, ध्वितीय कलश का सोभाग्य आयुष, नरेश मणिलाल कोठारी परिवार बाहुबली कॉलोनी, तृतीय कलश का सोभाग्य भरत कुमार गेबीलाल सवोत परिवार रातीतलाई, चतुर्थ कलश का सोभाग्य डॉ. शैलेंद्र, डॉ. नीलेश धनपाल पंचोरी परिवार ठिकरिया को प्राप्त हुआ| अभिषेक शांतिधारा के पश्चात श्रीजी को गंधकूटी के बिराजमान कर भ्रमण कराने का सोभाग्य आदेश्वर लक्ष्मीलाल शाह परिवार बाहुबली कॉलोनी को मिला भामाशाहों का हुआ सम्मान वीरोदय तीर्थ क्षेत्र मे वेसे तो भामाशाहों की कोई कमी नहीं लेकिन वीरोदय तीर्थ के प्रगति ओर सुंदरता के लिए उत्कृष्ठ कार्यो के लिए मुनि संघ सेवा समिति के अध्यक्ष सुरेश सिघवी का सम्मान किया गया, उनका ये सम्मान वीरोदय तीर्थ क्षेत्र के बहार लगाई गई सीमेंटेड ब्लाक्स है जिनके कारण तीर्थ के सुंदरता को चार चाँद लग गए नोनिहालों का किया ढूंढ संस्कार आचार्य विध्या सागर परिवार के 8 परिवार जिनका सामूहिक ढूंढोत्सव (संस्कार) का कार्यक्रम किया गया तद पश्चात उनका सम्मान किया गया ओर नोनिहाल दियांश सुपुत्र सावन–योजना भरड़ा, लाभांशी
सुपुत्री मयंक–यशिका पिंडारमिया, हियाना सुपुत्री सुजीत-सुहावनी घोड़ा, सुकृति सुपुत्री तरुण–मनीषा शाह, ग्रेशा सुपुत्री डा उमंग–कृतिका गांधी, तीर्थ सुपुत्रस्वरूप–आंचल पिंडारमिया, निक्षान्त सुपुत्र निशांत–निकिता जैन, लाभ ओर लाभांशी पुत्र-पुत्री निर्मित–डिम्पल वैध्य को उपहार दिये
तीर्थंकर बालक को झुलाने लगी होड जैन धर्म के अनुसार प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान के जन्म के पश्चात उनके पालना झुलाने का बड़ा महत्व है इस लिए इसका चयन बोलियो ध्वरा होता है प्राचीन मान्यता के अनुसार ये बोली वो या तो नव विवाहित जोड़ा या गर्भवती महिला(पति-पत्नी) लेते है मान्यता के अनुसार कहा जाता है की प्रथम पालना झुलाने वाले परिवार के वहा पुत्ररत्न की प्राप्ति होती है इसलिए पालने का इतना महत्व माना जाता है बोलियो ध्वरा पालना झुलाने के पात्र का चयन किया गया ओर सोभाग्य खिलेश खुशपाल भरडा परिवार बाहुबली कॉलोनी को मिला।
