सिद्धांत छेत्री सेना के उन पांच जवानों में शामिल थे, जो शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के घने जंगलों वाले कांडी इलाके में आतंकवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में शहीद हो गए थे.सिद्धांत छेत्री सेना के उन पांच जवानों में शामिल थे, जो शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के घने जंगलों वाले कांडी इलाके में आतंकवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में शहीद हो गए थे. इस घटना में मेजर रैंक के एक अधिकारी भी गंभीर रूप से घायल है. यह मेजर पैरा (एसएफ) के अधिकारी हैं, जो भारतीय सेना में पैराशूट रेजिमेंट की विशेष बल बटालियनों का एक समूह है. ये इकाइयां आतंकवाद-रोधी, बंधक बचाव, आतंकवाद-रोधी और विशेष टोही अभियान जैसी विभिन्न भूमिकाओं में विशेषज्ञ हैं.दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल). जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकवाद विरोधी अभियान में शहीद हुए सेना के जवान सिद्धांत छेत्री की दो महीने पहले ही शादी हुई थी. शहीद जवान सिद्धांत छेत्री पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले स्थित बिजनबाड़ी इलाके के रहने वाले थे. सिद्धांत के बड़े भाई ओम प्रकाश छेत्री हाल ही में सेना से रिटायर्ड हुए हैं. ओम प्रकाश छेत्री ने शनिवार को कहा कि सिद्धांत में केवल देश की सेवा करने का जुनून था.
ओम प्रकाश छेत्री ने फोन पर कहा, ‘मेरे भाई में देश सेवा करने का जज्बा था. इसलिए, वह 2020 में सेना में शामिल हुआ था. उसके अच्छे प्रदर्शन के कारण उसे पैरा (विशेष बल) में नियुक्त किया गया. 2 महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी और वह जम्मू-कश्मीर में अपनी ड्यूटी पर लौट आया था. घर से लौटने के 15 दिन के भीतर ही वह शहीद हो गया.’ ओम प्रकाश छेत्री ने अपने छोटे भाई का पार्थिव शरीर लेने के लिए बागडोगरा एयरपोर्ट के लिए जाते समय रास्ते में यह बात कही.
राजौरी में आतंकियों के धमाके में शहीद हुए सिद्धांत छेत्री