BN बांसवाड़ा न्यूज़ – टामटिया में हुई चोरी के खुलासे में पुलिस ने भोपे की चोर गैंग को गिरफ्तार किया है। इसमें सामने आया है कि चोरी से पहले मुख्य सरगना भोपा गैंग के साथ अगरबत्ती जलाकर पूजा करने के बाद ताला तोड़कर घटनाओं को अंजाम देता था। उसकी गैंग में शामिल साले, पत्नी, बहन समेत पुलिस ने गांव के ही अन्य साथी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं सरगना भोपा व उसका अन्य साथी फरार है। एसपी अभिजीत सिंह ने बताया कि सदर थाने के गांव टामटिया, इंदिरा कॉलोनी निवासी रिटायर हेड कांस्टेबल प्रवीण सिंह के घर पर चोरी की घटना हुई थी। मामले में जांच चल ही रही थी कि कंट्रोल रूम के हेड कांस्टेबल गजेंद्र सिंह व अरथूना के हेड कांस्टेबल केशव चंद्र को सूचना मिली की भापोर के डोडापाड़ा निवासी सहदेव पुत्र रकीया मईडा ने एक गैंग बना रखी है। उसकी गैंग में परिवार की महिलाएं, साला नीतेश और उसके मूल गांव पिपलवा निवासी सूरज पुत्र बबू मईडा शामिल हैं। सूचना पर सदर, कोतवाली, गढ़ी, कंट्रोल रूम, तकनीकी सहायता प्रभारी व डीएसटी की संयुक्त टीम ने आरोपी 19 वर्षीय नीतेश समेत 30 वर्षीय सहदेव की पत्नी 29 वर्षीय काली, 38 वर्षीय बहन दुर्गा व 20 वर्षीय आरोपी सूरज की 45 वर्षीय मां संतरी को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी सहदेव व सूरज फरार है। नीतेश से पूछताछ में प्रवीण सिंह व गोरख इमली में चोरी के प्रयास में महिला को चाकू मारने के अलावा परतापुर, डूंगरपुर की एक दर्जन से अधिक घटनाओं को स्वीकार किया है। फरार आरोपी सहदेव पर खुलासे के अलावा कोतवाली में 11, सूरज पुल कोतवाली में चोरी की एक रिपोर्ट दर्ज है। वहीं नीतेश पर भी 2021 में एक चोरी की रिपोर्ट दर्ज है। फरार आरोपी सहदेव की पत्नी काली ने पुलिस को बताया है कि खुद की घटना को अंजाम देने से पहले आरोपी पूजा करता था, इसके अलावा दूसरे गिरोह के सदस्यों को भी चोरी का मुहूर्त देता था। वह समय व जगह बताकर कहता था कि इस समय अगर वारदात करोगे तो अधिक माल •मिलेगा। इतना ही नहीं उस गिरोह को चोरी में अधिक माल मिलने पर उसका कुछ हिस्सा भोपा सहदेव को भी देना होता था।आरोपी सहदेव के बैठने का स्थान उसकी ससुराल डोडापाड़ा है। वह मूल रूप से पिपलवा का रहने वाला है।आरोपियों से 6 किलो चांदी 10 तोला सोने की बरामदगी आरोपियों के पास से पुलिस को 6 किलो चांदी और करीब 10 तोला सोना ही बरामद हुआ है। हालांकि पुलिस के मुताबिक चोरी हुए माल बरामदगी और अधिक होने का अनुमान पुलिस लगा रही है। मुख्य आरोपियों के गिरफ्तार होने के बाद अन्य अधिक माल बरामदगी की उम्मीद भी है। वहीं पकड़े गए चारों आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी में है।महिलाओं को व्यापारी सही कीमत देते थे ,आरोपी नीतेश ने बताया कि गैंग में नकबजनी और चोरी की वारदातों को अंजाम देने का तजुर्बा सहदेव के पास ही है। उसके खिलाफ कई रिपोर्ट दर्ज हैं, उसी ने गैंग बनाते हुए कहा था कि चोरी के जेवरात को बेचने में सबसे अधिक परेशानी होती है। चोरी का माल होने पर सर्राफ या तो सामान नहीं खरीदते या फिर कम दाम देते हैं। महिलाओं के होने पर कोई शक नहीं करता और रेट भी ठीक मिलती है। सहदेव, सूरज और नीतेश ने आपसी सलाह मशवरा करने के बाद चोरी का माल को बेचने और उसे खुर्द बुर्द करने के लिए महिलाओं को शामिल किया था। महिलाओं के शामिल होने के बाद से ही माल को बेचना भी काफी आसान हो गया था और इस काम को उन्होंने जारी रखा।इंदिरा कॉलोनी में कुछ दिनों पहले ही कुछ घरों में चोरी के प्रयास की घटना हुई थी। पुलिस जांच के दौरान सीसीटीवी में तीन आरोपी कैद हुए। सहदेव की पत्नी ने तीनों की पहचान पति सहदेव, भाई नीतेश और सूरज के रूप में की है। काली ने बताया कि सहदेव को चोरी के प्रयास में टोपी मिली तो उसने वह पहन ली थी।गैंग को कहा-पकड़े गए तो एक माह में जेल से छूट जाएंगे आरोपी नीतेश के मुताबिक जीजा सहदेव कहता था कि उसने चोरी और नकबजनी की घटनाओं को इतना अंजाम दे दिया है कि पुलिस का खौफ नहीं है। पुलिस उसे पकड़ नहीं सकती, अगर पकड़ भी ले तो कानूनी दांव पेंच इतने आ गए हैं कि एक माह से अधिक जेल में नहीं रहना पड़ेगा। वह कहता था कि पैसा कमाने का एक शॉर्टकट है, चोरी और नकबजनी। इसलिए गैंग में सब जुड़ते गए।
