बांसवाड़ा जिला कोष कार्यालय (ट्रेजरी) से कुल 5 करोड़ 23 लाख 88 हजार 511 रुपए के स्टाम्प चुराए गए थे।इन घपलेबाजों ने जब जिला कोष अधिकारी हितेश गौड़ ने भौतिक सत्यापन (फिजिकल वेरिफिकेशन) कराया तो सामने आया कि 6 साल से ट्रेजरी का स्ट्रॉन्ग रूम इंचार्ज (कैशियर) नारायणलाल यादव ही स्टाम्प-टिकट चुराकर बेच रहा था। इसके बाद 29 अप्रैल को कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया गया। उसी दिन पुलिस ने नारायणलाल को डिटेन कर लिया। पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए। बांसवाड़ा पुलिस ने स्टाम्प-टिकट घोटाले में कुल 3 लोगों को 2 मई को गिरफ्तार कर लिया।बांसवाड़ा जिला पुलिस टीम ने
जिसमें आशीष जैन के घर पर ही नकली स्टांप-टिकट छाप रहे थे, वेंडर ने भी घर में ही छिपा रखे थे, अब प्रॉपर्टी की होगी विस्तृत जांच,मगर क़ानूनी दावपेज के चलते दूसरे कई आरोपियों की तरह ये भी आ सकते सलाखों से बाहर ,मगर फिलहाल है सलाखों के पीछे
बांसवाड़ा. 5 करोड़ रुपए के स्टांप के गबन के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को जिला कोष कार्यालय के कैशियर नारायणलाल यादव, स्टांप वेंडर आशीष जैन और उसके सहयोगी भरत कुमार राव को गिरफ्तार किया ,करीब छह माह से नकली स्टांप टिकिट छाप कर बेच रहें थे,
स्टांप का गबन के बहुचर्चित मामले में बांसवाड़ा जिला एसपी हर्षवर्धन अगरवाला ने प्रेस वार्ता में जानकारी दी । बांसवाड़ा पुलिस कप्तान ने बताया कि आरोपी रंगीन प्रिंटर से नकली टिकट छाप रहे थे। आरोपी आशीष और कैशियर के घर की तलाशी ली गई। आशीष के घर से प्रिंटर और करीब 500 करीब नकली टिकट, बरामद किए ,कैशियर, वेंडर और उसका सहयोगी भी गिरफ्तार, वेंडर आशीष के घर से 500 नकली टिकट बरामद ,पैसों की इतनी भूख बढ़ी कि नकली टिकट-स्टांप भी प्रिंट करके बेचने लगे,नारायण से नोटेरी टिकट, रेवेन्यू टिकट, नॉन ज्यूडिशियल,स्टॉप, कोपिंग टिकट, कोर्ट फीस टिकट। आशीष जैन से ई स्टांप
कैशियर नारायण व ई स्टांप,दो प्रिंटर से नकली स्टांप व टिकट प्रिंट करके को बेच रहे थे बरसो से । साथ ही बिना पैसा दिए स्ट्रॉन्ग रूम से मिलने वाले स्टांप का पैसा और दूसरा नकली स्टांप व टिकट के बेचने से मिलने वाला पैसा। पुलिस ने बताया कि दोनों की प्रॉपर्टी की जानकारी भी जुटाई जा रही है। गबन किए रुपयों की रिकवरी के लिए प्रॉपर्टी अटेच की जाएगी ,इस बहुचर्चित स्टांप-र्यालय घोटाले में गुरुवार को पुलिस ने कई खुलासे किए। पुलिस के अनुसार, स्टांप-टिकट बेचने की दास्तान 2018 से कैशियर नारायणलाल यादव की ज्वॉइनिंग के साथ शुरू हो गई। नारायण स्ट्रॉन्ग रूम से कुछ स्टांप चुराकर स्टांप वेंडर आशीष जैन को उधार देता था।बांसवाड़ा कलेक्ट्रेट परिसर में वेंडर आशीष की टेबल जहां स्टांप बेचता था।मगर 2018 से इस भ्रस्टचार का पता किसी अन्य अधिकारी को ना हो ये संभव भी नहीं है, खेर पुलिस फिलहाल कर रही है मामले की जांच ,
वेंडर आशीष को पुलिस ने कलेक्ट्रेट परिसर में उसकी टेबल पर मौका तस्दीक कराई। पुलिस ने वेंडर का केबिन भी कब्जे में ले लिया।
हालांकि नकली टिकट आसानी से पहचान सकते थे, लेकिन इन्होंने ऐसे लोगों को नहीं बेचे जिनको इनके बारे में जानकारी हो। उन्होंने सीधे व् ग्रामीण ग्राहकों को ही बेचे, ताकि पकड़ में न आए,
गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में एसपी हर्षवर्धन अगरवाला ने पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस मामले में दोनों आरोपियों के साथ आशीष जैन का सहायक खांदू कॉलोनी निवासी भरत कुमार राव भी मदद करता था। यह सिलसिला काफी समय तक चलता रहा,
बांसवाड़ा डिप्टी सूर्यवीरसिंह ने भी बताया कि आरोपियों से पूछताয় कर स्टांप बेचकर कमाए 2.28 लाख से अधिक रुपए बरामद किए हैं। स्टांप वेंडर आशीष के सहायक भरत कुमार को भी गिरफ्तार किया है। मामले की ओर गहनता से जांच की जा रही है।
आरोपियों पर आईपीसी की धारा 381, 409, 255, 256, 258, 260, 467, 468, 471/120ची लगाई गई हैं,तीनों को गिरफ्तार किया है, कैशियर खुद स्ट्रांग रूम का इंचार्ज था। इसलिए किसी को शक नहीं हुआ।
लेकिन इसके बाद मार्केट में जैसे-जैसे डिमांड बढ़ती गई उन्होंने धीरे-धीरे स्ट्रॉन्ग रूम से स्टांप-टिकट वापस बेचना शुरू कर दिए। जब इनके पास पैसा आने लगा तो दोनों ने कई जगह जमीनें भी खरीदी है ,
मगर सबसे बड़ा नुकसान स्टांप टिकट खरीदने वालों को है ,जिन्होंने लोगों के स्ट्रॉन्ग रूम से चुराए गए स्टांप-टिकट और फर्जी टिकट लगे हैं, उन्हें अपने जमीन के सौदों, अन्य एग्रीमेंफ की प्रमाणिकता को लेकर भी चिंता सताने लगी है। पुलिस तो अपना काम कर रही है , मगर ऐसे मया के लोभी ये भ्रष्टाचारी ज़्यादा दिन सलाखों के पीछे नहीं रहते है ,अधिकतर ऐसे तैसे ,बहाने बनाकर लचीले कानून का फायदा उठाकर फिर से नाम बदलकर आ जाते है ,और हम भी भूल जाते है भूले बिसरे गीतों की तरह ,मगर सलाम सेलियूट बांसवाड़ा जिला पुलिस टीम को, BN Banswara News Rajasthan-MD Saeed Mirza Hindustani