BN बांसवाडा न्यूज /जालौर में छुआछूत की बुराई ने एक मासूम की जान ले ली. छात्र का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने पानी पीने के लिए उस मटके को छुआ था. जिससे टीचर छैल सिंह ने इतना पीटा कि कान की नस फटने से मौत हो गई.
भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन जात-पात और छुआछूत से आजादी मिलने में अभी शायद वक्त लगे. जातिवाद के इसी भेदभाव में राजस्थान के जालोर में एक दलित छात्र को अपनी जान गवानी पड़ी. स्कूल में मटके से पानी पीने पर टीचर ने इतनी बेरहमी से पीटा कि छात्र की नस फट गई और इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.