BN बांसवाड़ा न्यूज़ – इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी बांसवाड़ा द्वारा रविवार को सीपीआर संबंधित कार्यशाला का आयोजन नगर स्थित गोविंद गुरु खेल स्टेडियम में किया गया कार्यशाला के मुख्य वक्ता व ट्रेनर वरिष्ठ चिकित्सक एवं सोसायटी के सचिव आर.के. मालोत थे।
डॉ. मालोत ने उपस्थित लोगो को सीपीआर तकनीक के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी। डॉ मालोत ने बताया के सीपीआर तकनीक के माध्यम से जरूरतमंद लोगों में से 80% लोगों की जिंदगी को बचाया जा सकता है। जबकि सीपीआर देने में 1 मिनट की देरी भी किसी व्यक्ति के जीने की संभावनाओं को 10% तक कम कर देती है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले किसी भी व्यक्ति को सीपीआर देने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे सीपीआर की आवश्यकता है। इसके पश्चात उस व्यक्ति को सही व सुरक्षित स्थान पर लाना चाहिए ताकि सीपीआर देने वाले और लेने वाले दोनों को कोई नुकसान ना हो। इसके पश्चात सही तकनीक से सीपीआर दी जानी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सीपीआर का मतलब हार्ट और लंग दोनों को बाहरी प्रयासों से पुनर्जीवित करना है। उन्होंने कहा कि सीपीआर तकनीक को देखकर समझ पाना संभव नहीं है
और गलत तरीके से दी गई सीपीआर तकनीक का कोई फायदा नहीं है। इस हेतु इंडियन रेड क्रॉस बांसवाड़ा टीम के सदस्यों द्वारा डमी पर सही सीपीआर तकनीक को करके दिखाया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक एवं संस्था के चेयरमैन डॉ मुनव्वर हुसैन ने वहां उपस्थित लोगो से कहा कि आज कोविड-19 के बाद बदली परिस्थितियों में युवा वर्ग विशेषतया 25 से 50 वर्ष की उम्र वाले व्यक्तियों में साइलेंट हार्ट अटैक की घटनाएं प्रतिदिन सुन रहे हैं। इस स्थिति में यदि सीपीआर की जानकारी हो तो बहुमूल्य जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। सभी लोगो से उन्होंने सही सीपीआर तकनीक सीख कर इस पुण्यमयी एवं जीवनदायी तकनीक के जरिए जिंदगियां बचाने का आह्वान किया। इसके बाद संस्था के सदस्यों द्वारा उपस्थित लोगो को को डमी पर सही सीपीआर तकनीक की ट्रेनिंग दी गई। इस अवसर पर डॉ रक्षा सराफ, डॉ वनिता त्रिवेदी, डॉ पियूष जोशी, राहुल सराफ, निलेश सेठ एवं नटवर तेली ने अपने विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम में कन्हैयालाल परमार, कांतिलाल पटेल, सतीश सोनी, सतीश कुमार परमार, लक्ष्मीलाल सोनी, दिलीप शाह, परेश शर्मा, दिलीप रोकड़िया, ऋषि, विपिन उपाध्याय, हुरमाल मईडा, हरीश चंद्र, राकेश देवड़ा, प्रकाश कोठारी के साथ सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शैलेंद्र सराफ ( treasurar IRCS)ने किया।