आदिवासी आरक्षण मंच जिला संघर्ष समिति बांसवाड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस।

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BN बांसवाड़ा न्यूज़ सईद मिर्ज़ा हिंदुस्तानी – अनुसूचित क्षेत्र में जनजाति वर्ग के संवैधानिक अधिकार अनुसूचित जनजाति के लिए संविधान के अनुच्छेद 244 के तहत पांचवी अनुसूची में विशेष प्रावधान किए गए हैं पांचवी अनुसूची के विभागों के तहत अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजाति के प्रशासन और नियंत्रण के दद्दा प्रावधान किए गए हैं राजस्थान के अनुसूचित क्षेत्र में आरक्षण के प्रावधान एवं विसंगति राजस्थान में जनजाति वर्ग की 13% में लगभग आधी जनसंख्या दक्षिण राजस्थान के अनुसूचित क्षेत्र में निवासी निवास करती है अनुसूचित क्षेत्र को वर्ग वार जनसंख्या आरक्षण अनुसूचित जनजाति तो है 70. 42% मगर 45% आरक्षण मिल रहा है अनुसूचित जाति तो है जनसंख्या 7.15 जनसंख्या मगर आरक्षण 5 प्रतिशत मिल रहा है प्रतिशत . अनारक्षित सामान्य तो है जनसंख्या 22 .43 प्रतिशत है मगर आरक्षण 50% मिल रहा है आदिवासी आरक्षण मंच का आंदोलन एवं मांगे 1 अनुसूचित क्षेत्र में जनजाति वर्ग को स्थानीय भर्ती पदोन्नति एवं प्रवेश में जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण .2 अनुसूचित क्षेत्र के जनजाति वर्ग को राज्य सेवाओं में जनजाति वर्ग के राज्य स्तरीय 12% आरक्षण में से 6.5% प्रतिशत आरक्षण मांगों को लेकर आदिवासी आरक्षण मंच ने 2014 से 2018 तक व्यापक जन आंदोलन किया है मांगे भी संवैधानिक है पूर्णth इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ के निर्णय में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि विशेष परिस्थितियों में आरक्षित वर्ग को 50% से भी अधिक आरक्षण दिया जा सकता है1 पदोन्नति में जनजाति वर्ग के लिए 45% आरक्षण व जाति वर्ग के लिए 5% आरक्षण .2 मेडिकल पीजी एवं समस्त एवं वैज्ञानिक तकनीकी एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में यू.जी एवं पीजी में प्रवेश हेतु रासायनिक के समस्त शैक्षणिक स्थानों में अनुसूचित क्षेत्र के जनजाति वर्ग हेतु 5.5% पृथक आरक्षण का प्रावधान है .3 विशेष मूलनिवासी का प्रावधान 1 जनवरी 1970 करता है. 4 अनुसूचित क्षेत्र की वरीयता सूची . 5 मेडिकल में प्रवेश हेतु परसेंटाइल की बताएं परसेंटेज का प्रावधान करवाना।

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