ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में आयोजित किया गया।

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BN बांसवाड़ा न्यूज़ सईद मिर्ज़ा हिंदुस्तानी – जिसमें भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए lस्वागत उद्बोधन देते हुए सोशल रेवोलुशन अलायन्स के संयोजक जस्टिस ईश्वरियाह ने सभी सामाजिक संगठनो को एक करने के लिए बनाये गए प्लेटफार्म के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को धन्यवाद दिया lकॉन्फ्रेंस में फेडरेशन के संयोजक तथा राज्यसभा सदस्य भी विल्सन ने बताया कि यह संगठन आत्मसम्मान, सामाजिक न्याय, समानता, तथा वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए बना है जिसमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की प्रमुख भूमिका हैlकार्यक्रम में महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम छगन भुजबल ने आगामी जनगणना में जातिगत जनगणना का प्रस्ताव पारित करने की मांग रखी, साथ ही भुजबल ने बताया कि पहले भी सुमित्रा महाजन भाजपा सांसद की अध्यक्षता में 16 सदस्यों की ओबीसी की समस्याओं के संदर्भ में एक समिति बनी थी तथा मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में भी ओबीसी की समस्याओं को लेकर एक समिति बनी थीl दोनों ही समितियों ने ओबीसी की स्थिति को देखते हुए कहा था कि जिस तरह से राज्य और केंद्र एसटी तथा एससी को मदद करते हैं उसी तरह ओबीसी को भी राज्य तथा केंद्र से मदद की जरूरत हैl इन सभी के लिए ओबीसी के आंकड़ों की जरूरत है इसलिए जातिगत आंकड़े एकत्रित करने के लिए जनगणना विभाग को पत्र लिखा गया लेकिन आज तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गईl भुजबल ने बताया गया ट्राइबल एरिया में जनसंख्या के अनुपात में एसटी, एससी और ओबीसी को आरक्षण मिलना चाहिएlकॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि एसटी एससी ओबीसी आज भी संघर्ष कर रहा है l संविधान होने के बावजूद भी एससी एसटी ओबीसी को उसके अधिकार नहीं मिल रहे हैंl हम समानता की बात तो करते हैं लेकिन छुआछूत आज भी प्रचलन में हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण हैl सोशल सिक्योरिटी के कानून को देश में बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखने की जानकारी भी दी l साथ मुख्यमंत्री ने बताया कि जातिगत जनगणना 1931 में हुई थी और जनगणना कार्य केंद्र सरकार ही कर सकती है इसलिए सभी मुख्यमंत्रियों को केंद्र सरकार पर दबाव डालना चाहिएl कांग्रेस ने रायपुर अधिवेशन में जातिगत जनगणना का निर्णय लियाl मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि राजस्थान कैबिनेट में 30 मंत्रियों में से 18 मंत्री एसटी एससी ओबीसी है और दो मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक हैंl थोलकप्पियन थिरुमावाल्वन सांसद ने बताया इस कॉन्फ्रेंस की जरूरत हमें इसलिए पड़ी क्योंकि सामाजिक न्याय आज खतरे में हैl द्रविड़ कन्ह्ग्हम के महासचिव कृष्णास्वामी वीरामणि ने संबोधित करते हुए कहा कि तमिलनाडु ने सामाजिक न्याय के क्षेत्र में काफी काम किया है, अब इस मुहिम को पूरे देश में मानवता के लिए आगे बढ़ाना होगाl कार्यक्रम को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सामाजिक न्याय के लिए सभी राजनीतिक दलों तथा सभी सामाजिक संगठनों को आगे आने का आह्वान किया l कार्यक्रम को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, आम आदमी पार्टी से संजय सिंह, आरजेडी से मनोज कुमार झा, डीएमके से सांसद ए राजा, कनिमोझी, एमएम अब्दुल्ला, पूर्व सांसद राजकुमार सैनी, सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर अनिल जय हिंद, बहादुर सिंह अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग मोर्चा मध्यप्रदेश, डॉक्टर सूरज मंडल, प्रोफेसर रतन लाल, दिलीप मंडल, आदि ने संबोधित कियाl कार्यक्रम में पुरे भारत वर्ष से कई सामाजिक संगठनो ने भाग लिया l राजस्थान से ओबीसी अधिकार मंच राजस्थान के संयोजक डॉ नरेश पटेल ने भाग लेकर ओबीसी के लिए जातिगत जनगणना का होना अत्यंत आवश्यक बताया तथा सभी को इस मुद्दे पर साथ में आना की जरूरत बताईl देश से कांफ्रेंस में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों ने सामाजिक न्याय की इस मुहिम के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को धन्यवाद प्रेषित किया |

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