BN बांसवाड़ा न्यूज़ – नई दिल्ली. युवाओं को अपना कारोबार शुरू करने के लिए प्रेरित करने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार कई तरह की योजनाएं चलाती है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना एक इसी तरह की योजना है जिसके तहत आवेदक को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार की ओर से बिना गारंटी के 10 लाख रुपये तक के लोन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. वहीं, इसके लिए आपको कोई प्रोसेसिंग फीस भी नहीं देनी होती है.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन के लिए अप्लाई करना भी काफ़ी आसान है. इस योजना के तहत लाभार्थियों की तादाद 40 करोड़ से भी ज्यादा हो गई है. ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि अगर कोई व्यक्ति इस योजना के तहत लोन लेकर उसे वापस नहीं चुकाता है तो सरकार उसकी वसूली के लिए क्या कदम उठाती है? आइए जानते हैं.
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23.2 लाख करोड़ रुपये बांट चुकी है सरकार
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को साल 2015के शुरू किया गया था. इसकी शुरुआत से लेकर अब तक केंद्र सरकार आवेदकों को 23.2 लाख करोड़ रुपये लोन के रूप में बांट चुकी है. बता दें कि इस योजना के तहत सरकार ग्रामीण इलाकों में नॉन-कॉरपोरेट स्मॉल बिजनेस को शुरू करने या उनके विस्तार के लिए लोन मुहैया कराती है.
कितना लगता है ब्याज?
अगर आप इस योजना के तहत लोन लेकर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो इसके जरिए आपका काम बेहद आसान हो जाएगा. लोन के लिए अप्लाई करने के लिए आपको किसी गारंटर की जरूरत नहीं होती है और न ही इसके लिए कोई प्रोसेसिंग फीस देनी होती है. हालांकि, इस लोन पर आपको 9 से 12 फीसदी तक सालाना ब्याज चुकाना होता है. कुछ मामलों में इसमें भी छूट मिल सकती है. लोन बाकी ब्याज दर उस बैंक पर निर्भर करती है जिससे आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं.
मुद्रा लोन वापस नहीं चुकाने पर क्या होगा।अगर कोई भी व्यक्ति प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के तहत बिजनेस शुरू करने या उसके विस्तार के लिए लोन लेता है और फिर उसे वापस सही समय पर नहीं चुकाता है तो ऐसी स्थिति में उसकी संपत्ति को बैंक कानूनी तौर पर जब्त कर सकता है. जब्त की गई संपत्ति को नीलाम करके लोन की राशि वसूल की जा सकती है. वहीं अगर आपके पास लोन नहीं चुकाने का कोई जेनुइन कारण है तो बैंक आपको कुछ समय की मोहलत दे सकता है.