बांसवाड़ा में दिव्यांग हमेशा ही एक से बढ़कर एक सामाजिक गतिविधियों में रुचि लेते रहे हैं.जैसे
शुक्रवार को बांसवाड़ा निवासी जितेंद्र कुमार उपाध्याय ने दिव्यांग होते हुए भी नेत्रदान का संकल्प पत्र इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी बांसवाड़ा के माध्यम से भरा।
जितेंद्र उपाध्याय का कहना है कि मैं दिव्यांग हूं लेकिन किसी को दृष्टि देने में सक्षम हूं और नेत्रदान जैसा जीवनदायिनी कार्य समाज के प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए।
इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी बांसवाड़ा के सचिव डॉ. आर. के मालोत ने कहा की जितेंद्र बांसवाड़ा में दिव्यांगों की शक्ति के रूप में उभरे हैं। आज इनके द्वारा नेत्रदान का संकल्प भर आम लोगो को यह प्रेरणा दी है की हम अगर जिंदगी के बाद भी यह सुंदर संसार देखना चाहते है तो अवश्य नेत्रदान करें। जितेंद्र दिव्यागों के अधिकारों एवं सामाजिक चेतना, जन जागरूकता कार्यक्रमों में सदैव अग्रणी रहे हैं जो की इन्हे बांसवाड़ा के दिव्यांगो के ब्रांड एंबेसेडर के रूप में प्रस्तुत करता है।
इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन डॉ. मुनव्वर हुसैन ने जानकारी दी इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी की “अंगदान–जीवनदान” मुहिम के अंतर्गत सैकड़ों लोग संकल्प पत्र भर चुके हैं जो की वागड़ को विश्व मानचित्र में दाधीचियों के शहर के रूप स्थापित कर रहा हैं।
संस्था के कोषाध्यक्ष शैलेंद्र सराफ ने बताया की जब भी उन्हें अंगदान से संबंधित सूचना मिलती है वह अंगदान करने वाले व्यक्ति को इससे संबंधित सम्पूर्ण जानकारी, प्रक्रिया एवं इससे समाज को होने वाले लाभ के बारे में अवगत कराते हैं।
संस्था के राहुल सराफ, निलेश सेठ, अजगर भाई पत्थरवाला, भरत कंसारा ,नीरज पाठक एवं मनोज त्रिवेदी ने जितेंद्र उपाध्याय का पुष्पहार से अभिनंदन किया
मानवसेवा के इस सराहनीय कार्य के लिए