नोटबंदी के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई करेगी SC की संवैधानिक बेंच, जस्टिस अब्दुल नजीर करेंगे अगुवाई

0
431
supreme court 3
supreme court 3

BN बांसवाड़ा न्यूज़ – आज से 6 साल पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 8 नवंबर 2016 की रात को 500 और 1000 के नोटो का टेंडर कैंसिल कर दिया था। जिसके मुताबिक देश में 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का आदेश दे दिया था। इस फैसले के पीछे केंद्र सरकार ने तर्क दिया था कि इससे देश में काले धन पर लगाम लगेगी। नोटबंदी के 6 साल बाद अब सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ केंद्र सरकार के इस फैसले पर सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए 5 जजों की बेंच का गठन किया है। जस्टिस एस.अब्दुल नजीर की अध्यक्षता में सुनवाई होगी। हालांकि इस मामले में 16 दिसंबर 2016 को ही ये केस संविधान पीठ को सौंपा गया था लेकिन, बेंच का गठन अब तक नहीं हो पाया था।

इस मामले की सुनवाई के लिए बेंच में शामिल सदस्यों के नाम हैं बीआर गवई, ए एस बोपन्ना, बीवी नागराजन, वी रामासुब्रमण्यम और बेंच की अध्यक्षता करेंगे जस्टिस एस अब्दुल नजीर। 8 नवंबर 2016 को केंद्र सरकार के 500 और 1000 के पुराने नोट वापस लेने के ऐलान के बाद इस फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं दाखिल हुईं थीं। 15 नवंबर 2016 को नोटबंदी के खिलाफ दाखिल याचिकाओं की सुनवाई करते हुए तत्कालीन चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा था, “नोटबंदी की योजना के पीछे सरकार का मकसद तारीफ के लायक है। हम आर्थिक नीति में दखल नहीं देना चाहते लेकिन, हमें लोगों को हो रही असुविधा की चिंता है। सरकार इस पहलू पर हलफनामा दाखिल करे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here