BN बांसवाड़ा न्यूज़ – विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर वागधारा संस्था द्वारा राजस्थान के बांसवाडा, डूंगरपुर,प्रतापगढ़ , गुजरात के दाहोद , मध्यप्रदेश के रतलाम व झाबुआ जिले के 1041 गांवों में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर जन जागरूकता रैली, विचार सनगोष्ठी व ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन सपन्न हुआ । जिसमें सेकड़ो लोगों ने आदिवासी क्षेत्र को बालश्रम मुक्त बनाने की शपथ ली।वाग्धारा संस्था द्वारा गठित ग्राम स्वराज समूह, बाल स्वराज समूह, कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठनो के पदाधिकारियों ने समुदाय के अन्य लोगो को बताया की बालश्रम हमारे स्वस्थ समाज के लिए अभिशाप है । बचपन एक मानवीय अधिकार के साथ प्रत्येक बच्चो का मौलिक अधिकार भी है बच्चे स्वास्थ्य और सुरक्षित माहोल में रहे ये हम सब की जिम्मेदारी है,
बाल श्रम बच्चो का अनमोल बचपन छीन लेता है और उन्हें अनुचित दबाव का सामना करना पड़ता है, इससे बचाव हेतू समाज में समाजीकरण की प्रकिया आवश्यक है।विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर आयोजित वेबिनार में राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष महोदया संगीता बेनीवाल की अध्यक्षता में और राज्य बाल सुरक्षा सलाहकार गोविन्द बेनीवाल, बांसवाडा जिला के बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दिलीप रोकडिया, झाबुआ के बाल कल्याण समिति के सदस्य प्रदीप जैन,भोपाल की आरंभ संस्था के निदेशक अर्चना सहाय एवं सारा संस्थान झाबुआ से जिमी निर्मल इत्यादि विषय विशेषज्ञो ने विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर आयोजित ऑनलाइन वेबिनार में बाल श्रम की रोकथाम व उससे सम्बंधित कानूनों एवम राज्य स्तर पर किए जा रहे समावेशी प्रयासों पर अपने विचार व्यक्त किये I इसमें राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया की इस दिन को केवल दिवस के रूप में न मनाते हुए इसको एक मुहीम के रूप में मनाये जाने की आवश्यकता है और बाल श्रम रोकथाम हेतु केवल बात नहीं करनी है,
अपितु फैसले कर इसे अमल में लाना होगा Iबांसवाडा जिला के बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दिलीप रोकडिया ने बताया की जिले में वाग्धारा संस्था विगत कई वर्षो से विभाग के साथ मिलकर बाल श्रम की मुख्य समस्या को ख़त्म करने के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार बढानें व पलायन कम करने की दिशा में ग्राम स्तरीय संगठनो के साथ मिलकर बाल श्रम मुक्त गाँव बनाने के लिए कार्य कर रही है और साथ ही उन्होंने संस्था के बाल अधिकारों के लिए किये गए कार्यो की सराहना की मध्यप्रदेश के बाल कल्याण समिति के सदस्य प्रदीप जैन ने बाल श्रम दिवस का महत्व एवं सरकार द्वारा किये गए प्रयासों की जानकारी दी और बाल श्रम निषेध हेतू शपथ दिलवाई गयी सारा संस्थान झाबुआ से जिमी निर्मल ने इस बात पर जोर दिया की आज के समय में शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने पर समावेशी प्रयासों की कार्य योजना बना कर उसको अमल में लाने की आवश्यकता है, ताकि बाल श्रम कम हो सके | भोपाल से आरंभ संस्था निदेशक अर्चना सहाय ने बाल श्रम की व्याख्या को परिभाषित कर बच्चों को उनके अधिकार प्रदान करने पर स्वंय सेवी संस्थाओ की भूमिकाओ पर बल दिया | इसी के साथ वाग्धारा द्वारा गठित बाल स्वराज समूह, ग्राम स्वराज समूह और कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठनों के पदाधिकारी ने अपने द्वारा किए जा रहे प्रयासों को लेकर बाल श्रम दिवस पर विचार व्यक्त किये | वाग्धारा के बाल शिक्षा एवं विकास स्वराज विशेषज्ञ मधु सिंह ने वाग्धारा संस्था की सच्चा बचपन थीम के तहत बच्चों के लिए किये जा रहे प्रयासों के प्रति जानकारी साझा की | संस्था द्वारा आयोजित ऑनलाइन वेबिनार में 525 लोगो ने सहभागिता की |अंत में वाग्धारा संस्था के क्रियान्वयन प्रमुख परमेश पाटीदार ने वेबिनार में सभी सम्मिलित अतिथियों एवं सभी सहभागियों का आभार व्यक्त किया।
” विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर जन जागरूकता रैली।”