बांसवाड़ा में भी लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल 2024 शुक्रवार को देश के 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की 88 संसदीय क्षेत्रों पर मतदान कराया गया. इन सीटों पर 68.49 फीसदी वोटिंग हुई. साल 2019 के चुनाव की तुलना में इस बार करीब 5 फीसदी कम मतदान हुआ है. दूसरे चरण में राजस्थान की अन्य 13 संसदीय सीटों पर भी मतदान कराया गया. इन सीटों पर 64.56 फीसदी मतदान हुआ है. हालांकि 2019 की तुलना में करीब 4 फीसदी कम वोटिंग हुई है. तब 68.42 फीसदी मतदान हुआ था. राज्य की बासंवाड़ा सीट पर 72.77 फीसदी वोटिंग हुई थी.
बांसवाड़ा लोकसभा सीट वैसे तो कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन यह सीट भी हर चुनाव में नए चेहरे पर दाव लगाती आई है. 2014 के बाद यहां दो बार से बीजेपी को जीत मिल रही है, लेकिन दोनों बार प्रत्याशी नए रहे. यहां अब तक लोकसभा के कुल 17 चुनाव हुए हैं. इनमें से अधिकांश बार यानी 12 बार जीतने वाली कांग्रेस ने भी हर बार प्रत्याशी बदल कर ही विजयश्री का वरण किया है.यही स्थिति बीजेपी की भी रही है. दो बार से इस सीट पर काबिज बीजेपी इस बार यहां हैट्रिक लगाने की फिराक में है. वहीं कांग्रेस भी नए चेहरे के साथ पूरी ताकत के साथ इस सीट को कब्जाने का प्रयास कर रही है.
चुनावी राजनीति जाने ———–
बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ. उस समय कांग्रेस के भीखाभाई चुने गए थे. उसके बाद 57 में कांग्रेस ने भोगीलाल पाडिया, 62 में रतनलाल, 67 में हीरजी भाई और 71 में हीरालाल डोडा को मैदान में उतारा. ये सभी चुनाव जीतते रहे. हालांकि 77 के चुनाव में जनता पार्टी के हीरा भाई ने कांग्रेस का विजय रथ थाम तो लिया, लेकिन 80 में हुए अगले चुनाव में ही एक बार फिर से कांग्रेस के भीखाभाई ने यह सीट पार्टी की झोली में डाल दी. अगले चुनाव में कांग्रेस ने प्रभुलाल रावत को सांसद बनवाया. हालांकि 89 में एक बार फिर हीराभाई जनता दल के टिकट पर चुनाव जीत कर संसद पहुंच गए. 91 में यह सीट वापस कांग्रेस की झोली में पहुंच गई. इस बार यहां से प्रभुलाल रावत सांसद बने. 96 में कांग्रेस के ताराचंद भगोरा, 98 में कांग्रेस के ही महेंद्रजीत सिंह मालवीय और 99 के चुनाव में फिर कांग्रेस के ताराचंद भगोरा यहां से चुने गए. 2004 के चुनाव में बीजेपी ने यहां से धनसिंह रावत को लड़ाकर सांसद बनाया. फिर 2009 में कांग्रेस के ताराचंद भगोरा को यहां से संसद जाने का मौका मिला. इसके बाद 2014 में भाजपा के मानशंकर निनामा और 2019 में भाजपा के ही कनकलाल कटारा यहां से चुने गए.
इतिहास भूगोल क्या है ———–
राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित बांसवाड़ा गुजरात व मध्य प्रदेश की सीमा से सटा है. यहां से होकर निकलने वाली माही नदी में छोटे छोटे द्वीप होने की वजह से इसे सौ द्वीपों का नगर भी कहा जाता है. आजादी से पूर्व यह डूंगरपुर राज्य का हिस्सा था. हालांकि 1948 में राजस्थान राज्य में विलय के बाद यह स्वतंत्र जिला बना.
सामाजिक तानाबाना ———-
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस लोकसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के मतदाता करीब 104,571 हैं. वहीं अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या 1,207,698 है. इस सीट पर करीब 10 फीसदी वोट मुस्लिम हैं. इनकी संख्या 205,434 है. इस लोकसभा क्षेत्र के 81 फीसदी वोटर गांवों में रहते हैं. वहीं शेष 19 फीसदी शहरी वोटर हैं.2019 के संसदीय चुनाव में इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2050421 थी. इनमें से 70 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया ,BN Banswara News MD Saeed mirza Hindustani