BN बांसवाड़ा न्यूज़ – बांसवाड़ा, दिनांक 1 जुलाई 2024 वाग्धारा संस्था हर वर्ष भाति इस वर्ष की भाति आज से शुरू होने वाले नामांकन उत्सव को अपने कार्य कार्यक्षेत्र गांवों में प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का आयोजन घाटोल ब्लॉक के ग्राम जेतोरपाडा और निचलापाड़ा मे कृषि एवं आदिवासी संगठन एवं अन्य संगठनों एवं विद्यालय स्टाफ के सहयोग से मनाया गया | इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों का सही उम्र में नामांकन और शिक्षा के प्रति सजगता बढ़ाना है और समाज का उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण में जागरूकता लाना है । इस संदेश को पहुंचाने के लिए विभिन्न गाँव स्तर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया जिसमे शिक्षा पर समुदाय संवाद, शिक्षा की महत्ता, सही उम्र में नामांकन के फायदे एवं आवशयक दस्तावेजों की जानकरी दि गई | साथ ही शिक्षकों एवं गाँव वालो के सहयोग से बच्चों की सूचि तैयार की गई ।
हमारे आदिवासी क्षेत्र के के अभिभावकों में जागरूकता एवं नामांकन की प्रक्रियां एवं आवशयक दस्तावेजों की जानकारी एवं बच्चों के अधिकारो के प्रति जागरूकता की कमी होती है, जिसके कारण वे सही उम्र में नामांकन नही होने जैसी समस्या एवं उससे उत्पन कुप्रभावओ को समझने से वंचित रह जाते है | बच्चों के अधिकार एवं उनकी सही उम्र में नामांकन एवं शिक्षा से जोड़ना मानवीय समाज के लिए अनिवार्य है | आदिवासी समुदाय के बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार के साथ उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण की देखभाल करना अनिवार्य है ।इसी कड़ी में वाग्धारा संस्था प्रत्येक वर्ष अपने कार्यक्षेत्र में नामांकन उत्सव के अवसर पर इस महत्वपूर्ण विषय पर सामाजिक संवाद को बढ़ावा देते हुए समुदाय और विभिन्न हितधारकों को बच्चों के समान अधिकारों के प्रति जागरूकता के लिए प्रेरित करते हैं ताकि आदिवासी समुदाय के कई बच्चे जो अपने अधिकारों से वंचित एवं कई प्रकार की समस्याओं से पीड़ित होते है जैसे : शिक्षा में असमानता, बचपन में श्रमिकता, बाल विवाह कुप्रथा और बाल श्रम का सामना करना पड़ रहा है ,उक्त समस्याओं से निपटने एवं बाल अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक गाँव में नामांकन उत्सव मनाया जा रहा है, इस उत्सव से गाँवो में बाल मित्र वातावरण निर्माण एवं बच्चों का नामांकन सही उम्र में सुनिश्चित करते है ।
संस्था के खंड अधिकारी स्वाति नायर ने बताया की आप अपने बच्चों का नामांकन विद्यालय में सही उम्र में करवाते है तो बच्चे का बच्चे के विकास एवं शिक्षा ग्रहण करने की में बेहतर मदद होगी | साथ ही सही उम्र में नामांकन से बच्चे के सिखने की क्षमता अधिक होती है | बच्चा विषयवस्तु को समझने में सक्षम होते है | 6 साल के बच्चे की सुनने एवं सुनकर समझने की अधिक क्षमता होती है | इसलिए हमें इस सत्र में हमारे समुदाय के वे बच्चे जिनकी उम्र 6 साल हो गई है या होने वाली है समस्त बच्चों को स्थानीय विद्यालय में नामांकन करवाए |
साथ ही बताया की आप जानते है जिन लोगो के पास शिक्षा नही है वे आज दर-दर भटक रहे है क्योकि हमारे क्षेत्र में पर्याप्त रोजगार के साधन उपलब्ध नही है | इस स्थितियों को बदने के लिए एक मात्र साधन शिक्षा है | शिक्षा बच्चे के जीवन को खुशहाल बनाती है एवं बच्चे के जीवन में बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करती है | शिक्षा से बच्चे भविष्य में अच्छे रोजगार कर परिवार का बेहतर लालन-पालन कर पाएंगे |
संस्था के समुदाय सहजकर्ता वालचंद इंद्रा देवी और कैलाश देवी ने बताया की हम जानते है की बच्चे की शिक्षा के लिए अभिभावक की पहली एवं महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है की बच्चे की उम्र होते ही विद्यालय में दाखिला करवाए | इसके लिए आप अपने बच्चे से लगातार शिक्षा एवं उसके महत्त्व पर संवाद करे और बच्चे को विद्यालय में नामांकन एवं नियमित जाने के लिए प्रेरित करे | ताकि बिना झिझक के आपका बच्चा विद्यालय जाने के लिए उत्सुक रहे | इससे बच्चे की विद्यालय जाने की सोच बनेगी और बच्चे शिक्षा से जुड़ना पसंद करेंगे | बच्चे को विद्यालय में मिलने वाली सुविधाओ जैसे दोपहर का भोजन, फल, एवं दूध के बारे में बताए ताकि बच्चा चाव के साथ विद्यालय प्रवेश के लिए मानसिक रूप से तैयार हो सके |
विद्यालय के प्रधानाध्यापक इंद्रा सिंह ने बताया की कक्षा एक से में नामांकन 12 तक शुरू है ड्रॉपआउट और अनामांकित बच्चों का नामांकन के आवश्यक दस्तावेज लेकर विद्यालय आये, किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आप विद्यालय आकर मिल सकते है | हीरा लाल मकवाना ने बताया की जो बच्चे कभी विद्यालय नही गए हो और उम्र भी ज्यादा हो तब भी हम उम्र के अनुसार नामांकन देंगे | समुदाय से आग्रह है की गाँव का कोई बच्चा शिक्षा से वंचित नही रहे | पूरा विधालय परिवार गाँव के सहयोग के लिए तैयार है | साथ प्रधानाध्यापक इंद्रा सिंह ने वाग्धारा संस्था का आभार व्यक्त किया और बताया की इस कार्यक्रम से गाँव में शिक्षा के प्रति जागरूकता एवं समुदाय शिक्षा का महत्व समझ पाया | साथ ही गाँव में शिक्षा के प्रति जागरूकता की नई किरण की तरह कार्यक्रम से जानकारी का उदय हुआ | साथ ही आग्रह किया की इस तरह के कार्यक्रम शिक्षा विभाग को काफी मदद मिलती है, ऐसे कार्यक्रम समय समय पर होते रहे |