BN बांसवाड़ा न्यूज़ – एक पशुपालक ने अपना चूहा चोरी हो जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस दिल चस्प और अनोखे मामले को सुलझाने में पुलिस भी पूरा जोर लगा रही है। पुलिस का दावा है कि इस प्रजाति के चूहे की कीमत 10 लाख तक होती है।बांसवाड़ा जिले के पाडजा वडखिया गांव के रहने वाले 62 साल के पशुपालक मंगू चूहे को अपने परिवार के मेंबर की तरह मानते थे। उसके पोता-पोती भी उसके साथ खेलते थे। वही उसके खाने-पीने की देखरेख भी करते थे। इस बीच 28 सितंबर की रात करीब 2 बजे चूहा चोरी हो गया।एक साल से साथ में रह रहा था झाऊ चूहा
मंगू ने बताया कि वे भेड़-बकरी पालते हैं। साल भर पहले जंगल में जानवरों को घुमाने लेकर गए थे। इस दौरान एक चूहा तड़पता हुआ मिला। उसे उठाकर घर लेकर आया और घाव पर मरहम लगाया। यह झाऊ प्रजाति का चूहा था। पशुपालक ने बताया कि तब से झाऊ हमारे साथ रह रहा था।पीढ़ित ने अपने भतीजे पर चोरी का आरोप
लगाया :
मंगू ने बताया कि काले रंग के चूहे का वजन 700 ग्राम था। झाऊ प्रजाति के इस चूहे के शरीर पर कांटे होते हैं। कुछ दिन पहले भतीजा सुरेश पुत्र मोगा खिहूरी अपने दोस्त मोहित पुत्र देवदास खिहूरी और अरविंद पुत्र बदिया खिहूरी के साथ घर आया था। उसने चूहे के बारे में पूछताछ की साथ ही वजन भी कराया था। तब कुछ समझ नहीं आया। बाद में पता चला कि चूहे को चोरी कर भरत निवासी जीवा खूंटा को बेच दिया।
कांटेदार चूहा क्या खाता है ?
झाऊ चूहा क्या खाता है ?कांटे दार चूहे को जाउ चूहा कहा जाता है।यह वैसे तो आम चूहों के जैसा ही होता है लेकिन इसके शरीर के उपर कांटे लगे होने की वजह से यह आम चूहों से अलग हो जाता है।कांटे दार चूहे के कांटे इतने ज्यादा नुकिले होते हैं कि यदि आप उसे अपने हाथ से छूने का प्रयास करते हैं तो वे आपको भी चुभ सकते हैं। उपर कांटे होने की वजह से इस चूहे का शिकार करना भी बहुत कठिन होता है। वैसे आजकल इसकी आबादी बहुत ही कम बची है।
मामले कों लेकर पुलिस तलाश में जुटी
सज्जनगढ़ थानाधिकारी धनपत सिंह ने बताया कि पशुपालक ने चूहा चोरी का मामला दर्ज कराया है। उसने अपने भतीजे और उसके दोस्तों पर चोरी का आरोप लगाया है। पुलिस भी चूहा चोरी का केस दर्ज कर जांच में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि चूहे की कीमत करीब 10 लाख रुपए तक होती है। संभवत: रुपयों के लालच में चोरी कर इसे बेचा गया हो। राजस्थान में चूहा चोरी का पहला मामला राजस्थान में चूहा चोरी होने का संभवत: यह पहला मामला है। पहले पशुओं या पक्षियों के चोरी होने के कई मामले सामने आए हैं। लाखों-करोड़ों रुपए के गहने, नगदी और अन्य लग्जरी सामान के साथ ही जानवरों
क्या हे झाऊ चूहे की खासियत
शरीर पर साही की तरह कांटे और नुकीले थूथन वाला झाऊ चूहे का मूल स्थान भारत और पाकिस्तान के रेगिस्तानी इलाकों को माना जाता है। साही के परिवार का यह प्राणी बेहद शर्मीला होता है और अक्सर रात को ही निकलता है। झाऊ चूहा अक्सर कीड़े-मकोड़ों को अपना आहार बनाता है। मसलन झींगुर, मेंढक, टोड्स, चिडिय़ों के अंडे, छोटे सांप और बिच्छू को भी यह प्राणी खा लेता है। इसके अलावा फसलों की जड़ों तथा अनाज के दानों को भी यह पेट भरने के लिए आहार बनाता है। यह अपनी सुरक्षा के लिए बेहद सजग रहता है। उसकी शारीरिक संरचना भी आत्मरक्षा के लिहाज से मुफीद है। विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी हमले से बचने के लिए इस चूहे के शरीर पर कांटे होते हैं। यह चूहा तेज दौड़ सकता है और छिपने के लिए जमीन के नीचे सात फीट तक खुदाई कर सकता है। झाऊ चूहे की पूछ महज दो या तीन सेंटीमीटर की होती है।