टनल में 40 नहीं 41 जिंदगियां फंसी है कहां तक पहुंचा मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन,

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BN Banswra News द्वारा प्रदत्त
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BN बांसवाड़ा न्यूज डेस्क – उत्तरकाशी टनल हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। यमुनोत्री हाईव पर टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए सरकार के प्लान में कामयाबी नहीं मिल पाई है। इसी के बीच टनल हादसे से जुड़ी एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। सिलक्यारा टनल के निर्माण और व्यवस्था के प्रति लापरवाही की बातें लगातार सामने आ रही है। छठवें दिन निर्माण कंपनी को पता चला कि टनल के भीतर 40 नहीं बल्कि 41 मजदूर फंसे हुए हैं। आज अधिकृत रूप से जारी की गई मजदूरों की सूची में इसका खुलासा हुआ। मशीन से मलबे के भीतर करीब 22 मीटर तक एस्केप टनल बना ली गई थी जबकि लगभग 40 मीटर काम बाकी था। इस मशीन को ठीक करने के साथ एहतियात के तौर पर इंदौर से एक और मशीन मंगाई जा रही है। इसके अलावा प्लान सी के तहत टनल के ऊपर से ड्रिलिंग कर मजदूरों तक पहुंचने का भी प्रयास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सुबह 9.30 बजे तक 22 मीटर पाइप को ड्रिल कर दिया गया था। दो मीटर पाइप अभी बाहर है। पांचवें पाइप को जोड़कर तैयार कर लिया गया है। 41 वें मजदूर के रूप में बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी दीपक कुमार पुत्र शत्रुघ्न पटेल की पहचान हुई है। दीपक को मिलाकर टनल में फंसे बिहार के मजदूरों की संख्या अब पांच हो गई है। सिलक्यारा सुरंग में पाइप टनल बनाकर अंदर फंसे मजदूरों तक जल्द पहुंचने की उम्मीदों को तब झटका लग गया, जब शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे ऑगर मशीन में तकनीकी खराबी आ गई। बचाव कार्यों के दौरान प्रभावित क्षेत्र में मलबा-बोल्डर आने से भी मुश्किलें आ रही हैं। यमुनोत्री हाईवे पर चारधाम सड़क परियोजना के तहत बन रही सुरंग 12 नवंबर को अचानक धंस गई थी। इससे एक ओर सुरंग बंद है जबकि दूसरी ओर मलबा आने से कुल 41 मजदूर बीच में फंस गए। उन्हें निकालने के लिए प्रयास लगातार जारी हैं। इस क्रम में शुक्रवार रात तक 900 एमएम व्यास के पाइपों की एस्केप टनल बनाकर श्रमिकों तक पहुंचने की उम्मीद थी,पर इसी बीच नई मुसीबत पैदा हो गई। मलबे में पाइप डालने को जगह बना रही मशीन में शुक्रवार सुबह तकनीकी खराबी आ गई। इससे काम रुक गया। टनल के प्रभावित क्षेत्र में लगातार मलबा गिर रहा है। मलबे से बचाने के लिए ऑगर मशीन को भी पीछे खींच लिया गया। इससे अंदर पहुंचने में कुछ और वक्त लग सकता है। बचाव कार्य देर रात तक थमे हुए थे। एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलको ने ड्रिलिंग प्रभावित होने की पुष्टि करते हुए कहा कि जल्द दोबारा काम शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम से जारी बुलेटिन के अनुसार, शुक्रवार सुबह 9.30 बजे तक मलबे में ड्रिल कर चार पाइप बिछा दिए गए थे। पांचवां पाइप भी जोड़ लिया गया था, इसी दौरान काम बंद होने की सूचनाएं बाहर आने पर रेस्क्यू स्थल पर हलचल बढ़ गई। सूत्रों के अनुसार, मशीन के लगातार चालू रहने से हुए कंपन ने टनल में हलचल पैदा कर दी है। इससे मलबा ढीला होकर गिरना शुरू हो गया। टनल में अब मशीन लगातार नहीं चलाई जाएगी। कुछ-कुछ घंटे का ब्रेक देते हुए ड्रिलिंग की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, मशीन के लगातार चलने की वजह से टनल के भीतर कंपन बढ़ रही है। यह भी ठीक नहीं है। इसलिए अब से ऑपरेशन के दौरान मशीन को कुछ-कुछ समय का ब्रेक देते हुए चलाया जाएगा।

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