भारत ने US वीजा के लिए 800 दिनों के वेटिंग पीरियड का मुद्दा उठाया अमेरिका ने दिया आश्वासन

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Jaishankar and Blinken meeting
Jaishankar and Blinken meeting

BN बांसवाड़ा न्यूज़ – भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारतीयों की वीजा संबंधी चुनौतियों का मुद्दा अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के सामने उठाया है। ब्लिंकन ने भारत को आश्वस्त किया है कि वह उन चिंताओं को दूर करने की योजना बना रहे हैं। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट की वेबसाइट के मुताबिक, अमेरिका में विजिटर वीजा हासिल करने की चाहत रखने वाले भारतीयों के लिए वेटिंग पीरियड 800 दिन हो गया है, जबकि छात्र और एक्सचेंज विजिटर वीजा और अन्य गैर-अप्रवासी वीजा के लिए वेटिंग पीरियड 400 दिन है।

मंगलवार को अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ जयशंकर की बैठक हुई थी। जयशंकर ने कहा कि वह चाहते थे कि इस पर बात की जाए क्योंकि प्रतिभा के विकास और गतिशीलता को सुगम बनाना हमारे पारस्परिक हित में भी है। वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह इस मामले के प्रति संवेदनशील हैं और इसे संबोधित करने की योजना बना रहे हैं।ब्लिंकन ने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर काफी संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर वीजा संबंधी मुद्दे कोरोना के कारण थे। बता दें कि मार्च, 2020 में कोरोना काल के दौरान दुनियाभर में वीजा संबंधी प्रतिबंध लगाए गए थे ब्लिंकन ने कहा, “वीजा के मुद्दे के प्रति मैं बेहद संवेदनशील हूं।” ब्लिंकन ने भारतीय नागरिकों के वीजा आवेदनों के बैकलॉग के लिए कोविड -19 महामारी को जिम्मेदार ठहराया। ब्लिंकन ने कहा कि उनके पास इससे निपटने की योजना है। उन्होंने कहा कि अब इसे लेकर काम किया जा रहा है और जब भारत की बात आती है तो वीजा के बैकलॉग को दूर करने के लिए हमारे पास एक योजना है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले दिनों में यह समस्या दूर हो जाएगी।

अमेरिका टेक्नीकल क्षेत्र में काम करने वाले कुशल विदेशी कामगारों को एच-1बी वर्क परमिट देता है। यह वीजा प्राप्त करने वालों में भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा है। H-1B वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है जिनके लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।

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