BN बांसवाड़ा न्यूज़ से – पायल तिरघर जिनकी वजह से बांसवाड़ा के छोटे से गांव चंदू जी गड़ा को एक बड़ी पहचान मिली है इस गांव में बहु बन के आयी पायल ने आत्मनिर्भर के सपने को कभी दबने नहीं दिया पायल तिरघर गांव के स्वयं सहायता समूह से जुडी हुई है 15 हजार का लोन लेके बॉस के तीर कमान बनाने का कार्य सुरु किया जिस से उसको प्रतिमाह 10 से 15 हजार का रोजगार मिलता है 2014 से समूह से जुडी हुई है सरस मेले में जाना सुरु किया लगभग 30 बार राजस्थान और राजस्थान से भर जाकर भी मेले में भाग लिया आत्मनिर्भरबनने के लिए और ज्यादा आमदनी के लिए प्रिवेट एक्सिबिशन में भी भाग लिया है शुरुआत में पायल ने सिर्फ तीर कमान बाने का कार्य किया लेकिन जब सरस मेलो में राजस्थान से बाहर तथा रजस्थान के अंदर मेलो में आमदनी काम होने लगी तो लगा की ये कार्य अब बंद कर दू लेकिन मेरे पति रामलाल ने मुझे प्रोत्साहित किया की हम लोग तीर कमान के अलावा भी बांस के और भी नए उत्पाद बनाना सुरु किया जिसमे मुख्यत बांस की बोतले ,टोकरी,चाय का कप बनाने का कार्य सुरु किया जिस से मेरी आमदनी ज्यादा हो गयी और मुझे राज्य सत्तर से एक नए पहचान मिलनी सुरु हो गयी मेरे घर पर कोई न कोई अधिकारी आते रहते है जो मेरे द्वारा बनाये गए उत्पाद देखते है और साथ में खरीद भी करते है साथ ही कार्य का भार अधिक होने के कारन मैंने मेरे समूह की अन्य दीदियो को भी कार्य पर रखा हुआ है जिनको काम के हिसाब से पैसे दिय जाते है इस से मेरे आजीविका तो बढ़ती है साथ ही समूह की अन्य दीदियो की आजीविका बढ़ती है इसके लिए मैं राजीवका बांसवाड़ा को धन्यवाद देना चाहती हु जिन्होंने मुझे आज इस मुकाम पर पहुंचाया है और साथ ही जब भी कोई मेला जिला स्तरीय ,खंड स्तरीय ,राज्य स्तरीय ,केन्द स्तरीय मेलो में जाने की सुचना और भेजने का प्रबंध कर देती है जिस से मुझे कोई भी परेशानी नहीं होती है
धरियावद-मुस्लिम महासंघ ब्लॉक धरियावद ने क्रिकेटर सुशीला मीणा किया सम्मान रामेरतालाब की क्रिकेटर सुशीला मीणा एवं उनके गुरु ईश्वरलाल मीणा का निवास पर जाकर...